• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

Valmiki Jayanti: बृहस्पति जी के अवतार थे महर्षि वाल्मीकि

Writer D by Writer D
28/10/2023
in फैशन/शैली
0
Valmiki Jayanti

Valmiki Jayanti

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

अयोध्या/लखनऊ। महर्षि वाल्मीकि (Valmiki) का नाम रत्नाकर था और उनका पालन जंगल में रहने वाली भील जाति में हुआ था, जिस कारण उन्होंने भीलों की परंपरा को अपनाया और आजीविका के लिए डाकू बन गए। वाल्मीकि एक डाकू थे और भील जाति में उनका पालन पोषण हुआ, लेकिन वे भील जाति के नहीं थे, वास्तव में वाल्मीकि जी (Valmiki) प्रचेता के पुत्र थे। पुराणों के अनुसार प्रचेता ब्रह्मा जी के पुत्र थे। बचपन में एक भीलनी ने वाल्मीकि को चुरा लिया था, जिस कारण उनका पालन पोषण भील समाज में हुआ और वे डाकू बने।

अपने परिवार के पालन पोषण के लिए वे राहगीरों को लुटते थे, एवं जरुरत होने पर मार भी देते थे। इस प्रकार वे दिन प्रतिदिन अपने पापो का घड़ा भर रहे थे।

एक दिन उनके जंगल से नारद मुनि निकल रहे थे, उन्हें देख रत्नाकर ने उन्हें बंधी बना लिया। नारद मुनि ने उनसे सवाल किया कि तुम ऐसे पाप क्यूँ कर रहे हो ? रत्नाकर ने जवाब दिया अपने एवं परिवार के जीवन व्यापन के लिए. तब नारद मुनि ने पूछा जिस परिवार के लिए तुम ये पाप कर रहे हो, क्या वह परिवार तुम्हारे पापो के फल का भी वहन करेगा ? इस पर रत्नाकर ने जोश के साथ कहा हाँ बिलकुल करेगा. मेरा परिवार सदैव मेरे साथ खड़ा रहेगा। नारद मुनि ने कहा एक बार उनसे पूछ लो, अगर वे हाँ कहेंगे तो मैं तुम्हे अपना सारा धन दे दूंगा। रत्नाकर ने अपने सभी परिवार जनों एवम मित्र जनों से पूछा, लेकिन किसी ने भी इस बात की हामी नहीं भरी। इस बात का रत्नाकर पर गहरा आधात पहुँचा और उन्होंने दुराचारी के उस मार्ग को छोड़ तप का मार्ग चुना एवम कई वर्षो तक ध्यान एवम तपस्या की, जिसके फलस्वरूप उन्हें महर्षि वाल्मीकि नाम एवं ज्ञान की प्राप्ति हुई और उन्होंने संस्कृत भाषा में रामायण महा ग्रन्थ की रचना की। इस प्रकार जीवन की एक घटना से डाकू रत्नाकर एक महान रचयिता महर्षि वाल्मीकि (Valmiki) बने। रामायण में माता राजा दशरथ की दूसरी पत्नी रानी कैकई ने राम चन्द्र जी को वनवास भेजा था। इसके पीछे भी एक अद्भुत कहानी है।

जब रत्नाकर को अपने पापो का आभास हुआ, तब उन्होंने उस जीवन को त्याग कर नया पथ अपनाना, लेकिन इस नए पथ के बारे में उन्हें कोई ज्ञान नहीं था। नारद जी से ही उन्होंने मार्ग पूछा, तब नारद जी ने उन्हें राम नाम का जप करने की सलाह दी

रत्नाकर ने बहुत लम्बे समय तक राम नाम जपा पर अज्ञानता के कारण भूलवश वह राम राम का जप मरा मरा में बदल गया, जिसके कारण इनका शरीर दुर्बल हो गया, उस पर चीटियां लग गई। शायद यही उनके पापो का भोग था। इसी के कारण इनका नाम वाल्मीकि पड़ा। पर कठिन साधना से उन्होंने ब्रह्म देव को प्रसन्न किया, जिसके फलस्वरूप ब्रम्हदेव ने इन्हें ज्ञान दिया और रामायण लिखने का सामर्थ्य दिया, जिसके बाद वाल्मीकि महर्षि ने रामायण को रचा, इन्हें रामायण का पूर्व ज्ञान था।

एक बार तपस्या के लिए गंगा नदी के तट पर गये, वही पास में पक्षी का नर नारी का जोड़ा प्रेम में था उसी वक्त एक शिकारी ने तीर मार कर नर पक्षी की हत्या कर दी, उस दृश्य को देख  इनके मुख से स्वतः ही श्लोक निकल पड़ा जो इस प्रकार था।

मां निषाद प्रतिष्ठां त्वमगमः शाश्वतीः समाः। यत्क्रौंचमिथुनादेकम् अवधीः काममोहितम।।

अर्थात जिस दुष्ट ने भी यह घृणित कार्य किया, उसे जीवन में कभी सुख नहीं मिलेगा, उस दुष्ट ने प्रेम में लिप्त पक्षी का वध किया हैं. इसके बाद महाकवि ने रामायण की रचना की।

वाल्मीकि (Valmiki) महा कवि ने संस्कृत में महाकाव्य रामायण की रचना की थी, जिसकी प्रेरणा उन्हें ब्रह्मा जी ने दी थी। रामायण में भगवान विष्णु के अवतार राम चन्द्र जी के चरित्र का विवरण दिया हैं. इसमें  24 हजार श्लोक लिखे गए हैं। इनकी अंतिम साथ किताबों में वाल्मीकि महर्षि के जीवन का विवरण है। वाल्मीकि महर्षि ने राम के चरित्र का चित्रण किया, उन्होंने माता सीता को अपने आश्रम में रख उन्हें रक्षा दी, बाद में, राम एवं सीता के पुत्र लव कुश को ज्ञान दिया।

महर्षि वाल्मीकि आश्रम, राजा सीताराम महल व रसिक बिहारी मंदिर का संरक्षण करेगी योगी सरकार

लेखक-उत्तर प्रदेश सरकार के प्रथम श्रेणी के अधिकारी के साथ-साथ इस्कॉन में पैट्रन तथा वर्तमान में अयोध्या धाम, अवध धाम एवं कभी कभी वृन्दावन धाम में भी जाते है तथा आम लोगों के लिए धार्मिक, सांस्कृतिक एवं विधिक विषयों पर लेखन करते है तथा वर्तमान सरकार जो योगी जी के नेतृत्व में चल रही है उसके योजनाओं का एवं अयोध्या का विशेष प्रचार प्रसार करते है।

Tags: Valmiki jayantiValmiki Jayanti 2023Valmiki Jayanti DateValmiki Jayanti Significance
Previous Post

गीता प्रेस के ट्रस्टी बैजनाथ अग्रवाल का निधन, सीएम योगी ने जताया शोक

Next Post

’20 करोड़ नहीं देने पर जान से मार देंगे’, मुकेश अंबानी को मिली धमकी

Writer D

Writer D

Related Posts

Chaitra Purnima
धर्म

कार्तिक पूर्णिमा पर करें ये उपाय, मां लक्ष्मी का मिलेगा आशीर्वाद

05/11/2025
Chaitra Purnima
धर्म

विवाह में आ रही अड़चन तो कार्तिक पूर्णिमा पर करें ये उपाय

05/11/2025
Roti Upma
खाना-खजाना

रात के बचे हुए खाने से बनाएं चटपटा नाश्ता, बेहद आसान है खास रेसिपी

05/11/2025
Coconut Oil
Main Slider

चेहरे पर लगाएं ये फेसपैक, मिलेगा गुलाबों सा ग्लो

05/11/2025
Dum Aloo Lucknowi
Main Slider

स्वाद से भरपूर हैं दम आलू, भोजन को बनाएगी स्पेशल 

05/11/2025
Next Post
Mukesh Ambani

'20 करोड़ नहीं देने पर जान से मार देंगे', मुकेश अंबानी को मिली धमकी

यह भी पढ़ें

UU Lalit

जस्टिस यूयू ललित ने ली भारत के 49वें CJI के रूप में शपथ

27/08/2022
Agni-3 missile

भारत ने किया Agni-3 मिसाइल का सफल परीक्षण

23/11/2022
PV Sindhu

Singapore Open: फाइनल में पहुंची पीवी सिंधु, साएना कावाकामी को दी शिकस्त

16/07/2022
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version