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सरसो का दीपक जलाने से मिलेगा भगवान का आशीर्वाद

deepak

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हिंदू धर्म में देवी देवताओं की पूजा के लिए दीप (Deepak) प्रज्वलित किया जाता है. बिना दीपक (Deepak)  जलाए किसी भी देवी-देवता की पूजा पूरी नहीं मानी जाती. हम सभी अपने घर में पूजा के समय सुबह और शाम भगवान को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने करने के लिए दीपक (Deepak)  जलाते हैं.

इससे ना सिर्फ देवी देवता प्रसन्न होते हैं, बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा और घर के सदस्यों के मन में शांति भी बनी रहती है. क्या आप जानते हैं कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दीपक (Deepak)  जलाने के कुछ नियम है, जिनका पालन करना ज़रूरी होता है. दीपक जलाने से जुड़े नियम के बारे में बात कर रहे हैं भोपाल के रहने वाले पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा, ज्योतिष.

कहां रखें दीपक (Deepak) 

जब भी हम पूजा करते हैं तो घी या तेल का दीपका ईश्वर के सामने जलाते हैं. पूजा करते समय इस बात का ध्यान रखना ज़रूरी है कि अगर हम घी का दीपक जला रहे हैं, तो इसे भगवान के सामने अपने बाएं हाथ की तरफ रखना चाहिए और घी के दीपक में हमेशा रूई की बाती का उपयोग करना चाहिए. वहीं अगर हम तेल का दीपक प्रज्वलित कर रहे हैं, तो उसे हमेशा भगवान के समक्ष अपने दाएं हाथ की तरफ रखना चाहिए. तेल का दीपक जलाते समय लाल धागे का उपयोग करना बेहतर माना जाता है.

दीपक (Deepak) जलाने का सही समय और सही दिशा

पंडित जी बताते हैं कि पूजा का सही समय सुबह 5 बजे से 10 बजे तक माना जाता है. पूजा जितनी जल्दी हो उतना ही अच्छा होता है, क्योंकि यह समय ऐसा होता है जब व्यक्ति एकाग्रता के साथ पूजा कर पाता है. शाम के समय 5 से 7 के बीच पूजा करना उत्तम माना जाता है. इसके अलावा दीपक रखने की शुभ दिशा पूर्व और उत्तर मानी जाती है. पश्चिम दिशा में दीपक रखने से अनावश्यक धन खर्च होता है. वहीं दक्षिण दिशा में दीपक पितरों के निमित्त जलाया जाता है.

खंडित दीपक (Deepak) का इस्तेमाल ना करें

मिट्टी का दीपक जलाते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह खंडित ना हो. कोशिश करें कि धातु के दीपक में घी या तेल डालकर भगवान के समक्ष प्रज्वलित करें. इस बात का भी ध्यान रखें कि दीपक जलने के बाद बुझे ना इसलिए इसे हवा से बचाकर जलाएं.

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