वैश्विक महामारी कोरोना नियंत्रण में काशी मॉडल की तारीफ और 24 घंटे के भीतर एमएलसी अरविंद कुमार शर्मा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद राज्य मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलें शुरू हो गई हैं। मंत्रिमंडल में कई जगहें पहले से ही खाली हैं।
प्रदेश मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलें तब से हैं जिस दिन नौकरशाह से राजनेता बने अरविंद कुमार शर्मा ने यूपी में दस्तक दी। पर, पंचायत चुनाव से पहले मंत्रिमंडल से हटाए जाने वाले लोगों की नाराजगी के अनुमान से यह आगे बढ़ गया। कोविड की दूसरी लहर ने इसे और लंबा खींचा। अब पंचायत चुनाव के अप्रत्याशित नतीजे व महामारी के दौरान शासकीय कार्यप्रणाली ने संगठन से लेकर सरकार तक हर स्तर पर खामियां सामने ला दी हैं।
विधानसभा चुनाव में अब एक वर्ष से भी कम समय बचा है। खामियों को दुरुस्त करने के लिए प्रशासनिक से लेकर सियासी समीकरण दुरुस्त करने का इससे सही वक्त नहीं हो सकता है। विश्लेषक कहते हैं कि पीएम मोदी ने शुक्रवार को खुले तौर पर कोविड संक्रमण के नियंत्रण को लेकर काशी मॉडल की तारीफ की है। कहा कि काशी मॉडल न सिर्फ प्रदेश बल्कि पूरे देश में रोल मॉडल के रूप में देखा जा रहा है। यह एक महत्वपूर्ण संकेत है।
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वजह, काशी व पूर्वांचल के आसपास कोविड नियंत्रण से जुड़ी रणनीति बनाने व उसके क्रियान्वयन का नेतृत्व एमएलसी एके शर्मा कर रहे हैं। दूसरी बात, शर्मा ने शुक्रवार को ही नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। दूसरे दिन शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने लखनऊ पहुंच गए। यहां योगी के अलावा चुनिंदा नौकरशाहों से मुलाकात के बाद फिर दिल्ली लौटने की अटकलों के बाद राजधानी का सियासी पारा अचानक बढ़ गया।
शर्मा न सिर्फ मोदी के भरोसेमंद हैं बल्कि काशी मॉडल के जरिए अपनी छाप छोड़ने में सफल रहे हैं। ऐसे में मंत्रिमंडल में उनके शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। पिछले डेढ़ वर्ष के भीतर तीन मंत्रियों की मृत्यु से मंत्रिमंडल का संतुलन भी गड़बड़ा गया है। चेतन चौहान, कमल रानी वरुण और विजय कुमार कश्यप की मृत्यु से खाली स्थान भरने के साथ अन्य रिक्तियां विस्तार का पूरा अवसर उपलब्ध करा रही हैं।