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पाबंदियां लगने पर छलका द. अफ्रीका का दर्द, बोला- वेरिएंट पहचानने की मिल रही सजा

Omicron

Omicron

कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन ने दुनियाभर में फिर से दहशत फैला दी है। दुनिया के कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं। कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है तो किसी ने वहां से आने वाले लोगों के लिए क्वारनटीन का नियम लागू कर दिया है। पाबंदियां लगने पर दक्षिण अफ्रीका का भी दर्द छलका है। उसने कहा कि उसे कोविड के नए वेरिएंट की पहचान करने की ‘सजा’ मिल रही है।

Covid-19 का नया वेरिएंट B.1.1529 इसी हफ्ते दक्षिण अफ्रीका में पाया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे शुक्रवार को ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ यानी चिंताजनक बताया है। इसे ‘Omicron’ नाम दिया गया है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, नए वेरिएंट कोरोना के बाकी वेरिएंट से ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है।

दुनिया के कई देशों में भी ओमीक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित मरीजों की पहचान हुई है, जिसके बाद देशों ने दक्षिण अफ्रीका पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं। यूके में भी इस वेरिएंट से संक्रमित दो मरीज मिल चुके हैं, जिसके बाद उसने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के आने पर टेस्टिंग और मास्क पहनने को जरूरी कर दिया है। जर्मनी और इटली में भी इसके मरीज मिले हैं। साथ ही बेल्जियम, इजरायल और हॉन्ग कॉन्ग में भी यात्रियों में ओमीक्रॉन वेरिएंट पाया गया है।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बताया कि जो भी लोग इंग्लैंड लौटेंगे, उन्हें PCR टेस्ट करवाना जरूरी होगा और निगेटिव रिपोर्ट आने तक सेल्फ आइसोलेट ही रहना होगा। उन्होंने बताया कि अगर कोई भी ओमीक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित मिलता है तो उसके सभी करीबियों को 10 दिन तक क्वारनटीन ही रहना होगा। हालांकि, अगर कोई पूरी तरह वैक्सीनेटेड है और उसका कोई करीबी ओमीक्रॉन से संक्रमित मिलता है तो उसे क्वारनटीन नहीं रहना होगा। इसके अलावा पब्लिक ट्रांसपोर्ट और दुकानों पर मास्क पहनना भी जरूरी कर दिया गया है।

ब्रिटेन के हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक, यूके में ओमीक्रॉन वेरिएंट के जो 2 नए मामले सामने आए हैं, उनका लिंक दक्षिण अफ्रीका से है। ब्रिटिश सरकार ने 4 और दक्षिण अफ्रीकी देश अंगोला, मलावी, मोजाम्बिक और जाम्बिया को ट्रैवल की रेड लिस्ट में डाल दिया है। इस लिस्ट में बोत्सवाना, इस्वातिनी, लेसोथो, नामीबिया, दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे पहले से ही शामिल हैं। रेड लिस्ट में होने का मतलब ये हुआ कि इन देशों से अगर कोई आता है तो उसे क्वारनटीन रहना होगा।

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ब्रिटेन के अलावा ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, यूरोपियन यूनियन, ईरान, जापान, थाइलैंड और अमेरिका ने भी दक्षिण अफ्रीका पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं। अमेरिका के टॉप इन्फेक्शियस डिसीज एक्सपर्ट डॉ. एंथनी फाउची  ने कहा कि उन्हें इस बात से कोई हैरानी नहीं होगी, अगर यूएस में पहले से ही कोई ओमाइक्रॉन से संक्रमित मिलता है।

इटली और जर्मनी में भी ओमीक्रॉन के मामले सामने आ चुके हैं। ये सभी लोग दक्षिण अफ्रीका से लौटे थे। नीदरलैंड्स ने भी दक्षिण अफ्रीका से लौटी दो फ्लाइट के यात्रियों को आइसोलेट कर दिया है और उनके सैम्पल लिए गए हैं। नीदरलैंड्स ने आशंका जताई है कि कई लोगों में ओमीक्रॉन वेरिएंट मिल सकता है।

नए वेरिएंट को देखते हुए भारत ने भी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को गाइडलाइन जारी की है और कहा है कि एयरपोर्ट पर सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की स्क्रीनिंग और टेस्टिंग की जाए। खासतौर से दक्षिण अफ्रीका, हॉन्ग कॉन्ग और बोत्सवाना से आने वाले यात्रियों की।

दुनियाभर की ओर से लगाई जा रही पाबंदियों पर दक्षिण अफ्रीका का दर्द छलका है। उसने कहा कि उसे तेजी से नए वेरिएंट की पहचान करने की ‘सजा’ दी जा रही है। दक्षिण अफ्रीका के डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशन एंड कोऑपरेशन ने एक बयान जारी कर दुनिया भर के नेताओं से पाबंदियां न लगाने की अपील की है। ट्रैवल बैन पर बयान में कहा गया है, ‘एडवांस्ड जीनोमिक सीक्वेंसिंग और तेजी से नए वेरिएंट की पहचान करने के लिए सजा मिल रही है। विज्ञान की सराहना होनी चाहिए और उसे सजा नहीं देनी चाहिए।’ DIRCO ने ये भी कहा कि कई देशों में ओमीक्रॉन वेरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं और उनमें से कई मामलों का दक्षिण अफ्रीका से कोई लिंक नहीं है। विदेश मंत्री नालेदी पंडोर ने भी दक्षिण अफ्रीका पर ट्रैवल बैन लगाने पर यूके समेत कई देशों की आलोचना की है।

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