टीम इंडिया के स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने को लेकर पहली बार खुलकर बोले हैं। अश्विन ने कहा कि जिस दिन वह संतुष्ट महससू करेंगे और उनको लगेगा कि खुद में सुधार करने की चाहत खत्म हो चुकी है उस दिन वह संन्यास का ऐलान कर देंगे। अश्विन साउथैम्पटन में खेले जा रहे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन का हिस्सा हैं। फाइनल में अश्विन का रोल काफी अहम रहने वाला है।
आईसीसी की वेबसाइट से बातचीत करते हुए अश्विन ने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट की खूबी यह है कि आप हमेशा परफेक्ट बनने की ख्वाहिश रखते हैं लेकिन आप उत्कृष्टता से भी खुशी हासिल कर सकते हैं। इसलिए मैं ऐसा करता हूं। मुझे लगता है कि मैंने अपने करियर में अब तक जो कुछ भी हासिल किया है, वह इसी नजरिए के कारण है, मैंने किसी भी चीज के लिए समझौता नहीं किया, लगातार सुधार की तलाश में रहता हूं। मैं फिर से यह कहना चाहूंगा कि अगर मुझे अलग-अलग चीजें करना पसंद नहीं होगा और मैं कुछ नया करने के लिए धैर्य नहीं रख पाऊंगा या संतुष्ट हो जाऊंगा तो मैं खेल जारी नहीं रख सकता हूं।’
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चेन्नई के इस 34 साल के गेंदबाज ने टेस्ट क्रिकेट में 409 विकेट चटकाए हैं। उन्हें विवादों से जुड़ना पसंद नहीं है लेकिन अगर छेड़ा गया तो वह अपने प्रदर्शन से जवाब देने में पीछे नहीं हटते हैं। उन्होंने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि मैं विवादों का लुत्फ उठाता हूं लेकिन मुझे संघर्ष करने में अच्छा लगता है और यही कारण है कि मैं यहां तक पहुंचा हूं। मैं जीत का उतना जश्न नहीं मनाता जितना मुझे आदर्श रूप से मनाना चाहिए क्योंकि मेरे लिए जीत एक घटना भर है। मैं मानता हूं कि यह योजना और अभ्यास के मिलन से मिलता है। मैं जीतने के बाद भी बैठकर सोचता हूं कि इससे बेहतर क्या हो सकता है।’