कानपुर। कराटे के खिलाड़ियों के साथ यौन दुराचार मामले के आरोप में इटावा के खेल अधिकारी नरेश चन्द्र यादव को राज्य सरकार की खेल इकाई के मुखिया ने निलम्बित (Suspended) कर दिया।
उक्त प्रकरण की पुष्टि करते हुए खेल निदेशक आरपी सिंह ने बताया कि इस मामले की जांच खेल उप निदेशक आर.एन.सिंह को सौंपी गई है। उन्हें निर्देश दिया गया है कि एक माह के अन्दर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
बता दें कि उत्तर प्रदेश खेल निदेशालय के एक उप निदेशक एस.एस. मिश्रा को वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं में कथित संलिप्तता के लिए निलम्बित करने के कुछ हफ्तों के बाद ही राज्य सरकार की खेल ईकाई के मुखिया ने इटावा के खेल अधिकारी नरेश चंद्र यादव को कराटे के खिलाड़ियों के साथ यौन दुराचार के आरोप में निलम्बित (Suspended) कर दिया है।
नरेश यादव के खिलाफ 28 जून को इटावा के सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण पाक्सो अधिनियम के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके बाद खेल विभाग ने यादव के खिलाफ जांच का आदेश दिया था। जिसके बाद उन्हें विभाग की ओर से निलम्बित (Suspended) कर दिया गया।
यही नहीं नरेश यादव ने पराकाष्ठा की हद पार करते हुए निलम्बित होने के बावजूद स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लिया और यहां तक कि मानदंडों का उल्लंघन करते हुए राष्ट्रीय ध्वज भी फहराया। सूत्रों की माने तो नरेश यादव के खिलाफ उत्तर प्रदेश राज्य बाल संरक्षण आयोग सुचिता चतुर्वेदी ने हस्तक्षेप किया। प्राथमिकी में दोनों कराटे के खिलाड़ियों की उम्र 15 वर्ष से कम है। उन्होंने आरोप लगाया कि कोच यादव ने सुबह प्रशिक्षण के दौरान इटावा स्टेडियम में उनके साथ छेड़छाड़ की थी।