मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आज यहां उनके सरकारी आवास पर श्रीलंका के उच्चायुक्त मिलिन्दा मोरागोडा ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर श्रीलंका और भारत, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के मध्य सम्बन्धों को और प्रगाढ़ करने के सम्बन्ध में विचार-विमर्श किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन काल से भारत और श्रीलंका के मध्य सांस्कृतिक सम्बन्ध हैं। श्रीलंका में स्थित रामायणकालीन स्थल भारत विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के साथ इन सम्बन्धों को और प्रगाढ़ करते हैं। उन्होंने अशोक वाटिका की एक शिला लेकर आने के लिए उच्चायुक्त के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि श्रीलंका में भगवान श्रीराम की स्मृतियों से जुड़े अनेक पावन स्थान हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बुद्ध से जुड़े सर्वाधिक स्थल उत्तर प्रदेश में हम सभी का गौरव हैं। भगवान बुद्ध ने सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था। कपिलवस्तु उनकी राजधानी थी। श्रावस्ती में सर्वाधिक चतुर्मास भगवान बुद्ध ने व्यतीत किए थे। सबसे अधिक कथाश्रवण और सत्संग का लाभ जिस धरती को मिला वह कौशाम्बी तथा इसी के साथ संकिसा एवं भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर भी उत्तर प्रदेश में है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लोकार्पित कुशीनगर इण्टरनेशनल एयरपोर्ट से अब श्रीलंका सहित पूरी दुनिया के बौद्ध श्रद्धालुओं के लिए इन पवित्र स्थानों की यात्रा सुगम हो गयी है।
उच्चायुक्त ने अवस्थापना के क्षेत्र में प्रदेश की प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि एक्सप्रेस-वे सहित सड़क नेटवर्क को सुदृढ़ बनाने की दिशा में राज्य सरकार के प्रयास उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेंगे। उन्होंने उत्तर प्रदेश और श्रीलंका के मध्य एक एमओयू हस्ताक्षरित किये जाने का प्रस्ताव रखा, जिसके माध्यम से सांस्कृतिक आदान-प्रदान एवं औद्योगिक गतिविधियों को आगे बढ़ाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने इस पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि इससे प्रदेश और श्रीलंका के सम्बन्ध और सुदृढ़ होंगे।
उच्चायुक्त ने मुख्यमंत्री को श्रीलंका की यात्रा के लिए आमंत्रित किया, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया।