नई दिल्ली| दिल्ली विश्वविद्यालय का सेंट स्टीफन्स कॉलेज छात्रावास में रहने वाले उन विद्यार्थियों से 100 रुपये प्रतिदिन जुर्माना वसूलेगा जो सात अगस्त तक अपने कमरे खाली नहीं करते। कॉलेज के इस कदम से कई छात्र नाराज हैं। नए नोटिस से खफा दिख रहे छात्रों ने कहा कि खासतौर पर ऐसे समय में यह आदेश अनुचित है जबकि वे अपने पैतृक स्थानों पर फंसे हुए हैं।
कॉलेज प्राचार्य जॉन वर्गीज के अनुसार छात्रों को जुलाई की शुरुआत से बार-बार कहा गया है कि कॉलेज को नये सत्र में आने वाले विद्यार्थियों के लिए कमरों को संक्रमणमुक्त करना है। कॉलेज की वेबसाइट पर चस्पा नोटिस के अनुसार, ”मौजूदा महामारी को देखते हुए और रेजीडेंट जूनियर सदस्यों के अनेक अनुरोधों पर विचार करने के बाद जो छात्र कमरे खाली कर पाने में असमर्थ हैं, उन्हें सात अगस्त, 2020 से 100 रुपये प्रतिदिन के मामूली शुल्क पर कमरों को अपने पास रखने की अनुमति दी जाएगी।
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नोटिस में कहा गया है, ”रेजीडेंट जूनियर सदस्यों को यह भी सूचित किया जाता है कि जब भी सरकार छात्रावास सुविधाओं को फिर से खोलने की अनुमति देती है तो छात्रावास खुलने से एक सप्ताह पहले उनका सभी सामान हटा दिया जाएगा ताकि आवश्यक साफ-सफाई और मरम्मत का काम किया जा सके। इस स्थिति में सामान खोने या क्षति होने की जिम्मेदारी कॉलेज की नहीं होगी। इससे पहले 23 जून को एक नोटिस जारी कर छात्रों को छात्रावास खाली करने को कहा गया था।
वर्गीज ने यह भी कहा कि छात्रों से जो भुगतान करने को कहा जा रहा है, वह किराया नहीं बल्कि जुर्माना है। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिदृश्य में साफ-सफाई और संक्रमणमुक्त करने की प्रक्रिया लंबी है।वर्गीज ने कहा कि अगर छात्र कमरों की चाबियां अपने साथ ले गये हैं तो कुछ प्रक्रियाएं हैं जिन्हें कॉलेज अपना सकता है और छात्र भी उनसे अवगत हैं।