हिंदू धर्म में नवरात्रि (Navratri) के दिन बहुत विशेष माने जाते हैं। हिंदू धर्म में शारदीय और चैत्र नवरात्रि प्रमुख मानी जाती है। चैत्र नवरात्रि पहले पड़ती है। चैत्र नवरात्रि से ही हिंदू नववर्ष शुरु हो जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, चैत्र के महीने में ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि को रचना शुरू किया था। चैत्र नवरात्रि के नौ दिन भक्त आदिशक्ति माता दुर्गा के नौ रूपों का पूजन और व्रत करते हैं।
मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि (Navratri) में पूजन और व्रत करने वाले भक्तों पर माता विशेष कृपा करती हैं। जो भक्त नौ दिन माता का पूजन और व्रत करते हैं उनके जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं। उनके जीवन के सभी कष्ट माता रानी हर लेती हैं। घर में अन्न और धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहती। चैत्र नवरात्रि में शुभ कामों की भी शुरुआत की जा सकती है। मान्यता है कि नवरात्रि के समय शुभ काम शुरु करने से जीवन में खुशहाली बनी रहती है।
हिंदू वैदिक पंचाग के अनुसार, चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri) की शुरुआत यानी प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 29 मार्च यानी कल शनिवार शाम 4 बजकर 27 मिनट पर हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, चैत्र नवरात्रि की शुरुआत रविवार, 30 मार्च को होगी। वहीं नवरात्रि का समापन 6 अप्रैल को हो जाएगा। इस बार नवरात्रि 9 नहीं बल्कि आठ दिनों का होगा। क्योंकि नवरात्रि में पंचमी तिथि का छय हो रहा है।
नवरात्रि (Navratri) में शुरू किए जा सकते हैं ये शुभ काम
नवरात्रि (Navratri) में गृह प्रवेश किया जा सकता है। अगर नवरात्रि में गृह प्रवेश करते हैं, तो आपके जीवन में खुशहाली बनी रहती है।
नवरात्रि में बच्चों का मुंडन संस्कार किया जा सकता है। इस समय में बच्चों का मुंडन कराना बहुत शुभ माना जाता है।
नवरात्रि के समय सगाई की जा सकती है।
नवरात्रि के समय में तृथस्थल पर जा सकते हैं। नई जगह जा सकते हैं।
नवरात्रि के समय में नया व्यापार शुरू किया जा सकता है।
न करें ये काम
नवरात्रि (Navratri) के दौरान चमड़े से बनी चीजों का उपयोग वर्जित माना जाता है।
मांस मछली, शराब, प्याज और लहसुन न खाएं।
घर में कलह का माहौल न बनाएं।
घर में नौ दिन अंधेरा न रखें।
सरसों और तिल का सेवन न करें।
व्रती 9 दिनों तक बेड पर न सोएं।