उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि पूरे प्रदेश की सभी तहसीलों में अधिवक्ताओं के लिए सुविधायुक्त चैंबर्स बनाए जाएंगे और इसकी शुरुआत गोरखपुर से आज हो रही है।
मुख्यमंत्री ने आज यहां कलेक्ट्रेट और सदर तहसील के लिए नौ करोड़ 8 लाख 48 हजार रुपये की लागत से बनने वाले अधिवक्ता चैंबर्स का बटन दबाकर शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश की सभी तहसीलों में सुविधायुक्त अधिवक्ता चैंबर्स बनाए जाएंगे, इसकी शुरुआत हो गई है।
#UPCM श्री @myogiadityanath जी ने आज जनपद गोरखपुर में कलेक्ट्रेट मुख्यालय एवं तहसील सदर में अधिवक्ता चेम्बर्स का शिलान्यास किया। दोनों अधिवक्ता चेम्बर्स निर्माण की कुल लागत ₹9.08 करोड़ से अधिक है। pic.twitter.com/QcarBKkqA0
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) January 2, 2021
उन्होंने कहा कि ये चैंबर सिर्फ अधिवक्ताओं के लिए नहीं बन रहे बल्कि ये आम आदमी के लिए न्याय पाने का मंच बनेंगे। वास्तव में यह सबसे पीड़ित व्यक्ति को न्याय दिलाने के कार्य का शुभारंभ है। उन्होंने आह्वान किया कि अधिवक्ता वादकारी के हितों के प्रति प्रतिबद्ध रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अधिवक्ताओं की हरसंभव मदद को तत्पर है। वर्ष 2017 में अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र को अंगीकार करते हुए सरकार ने अधिवक्ता सामाजिक सुरक्षा निधि के तहत 471 मामलों में 23 करोड़ 11 लाख रुपये अधिवक्ता कल्याण निधि के तहत 662 मामलों में चार करोड़ 46करोड़ रुपये का भुगतान किया है। युवा अधिवक्ताओं को 5000 रुपये प्रति माह सहायता योजना के तहत एक करोड़ 87 लाख रुपये की राशि स्वीकृत करते हुए एक करोड़ 60 लाख की धनराशि वितरित की गई है। बहुमंजिला भवनों और पार्किंग के लिए उच्च न्यायालय प्रयागराज और लखनऊ खंडपीठ को क्रमशः 573 और 184 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए हैं।
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श्री योगी ने कहा कि अधिवक्ता बंधु तकनीकी के साथ जुड़ें। इससे सर्वजन की न्याय सुलभ कराने में मदद मिलेगी। जिला अधिवक्ता एसोसिएशन का डिजिटल लाइब्रेरी की तरफ कदम बढ़ाना समय की मांग है। कोरोना काल में तकनीकी से जुड़कर ही हम लाखों किसानों, वृद्ध, विधवा महिलाओं व दिव्यांग जनों के खातों में धनराशि भेज मदद करने में सफल हो सके। उन्होंने कहा कि अयोध्या में सिर्फ प्रभु श्रीराम का मंदिर ही नहीं बन रहा बल्कि वहां इससे लाखों लोगों के लिए आजीविका का भी इंतजाम होगा।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में 40 लाख से अधिक प्रवासी कामगार उत्तर प्रदेश में वापस आए। इन प्रवासी कामगारों को उनके घर के पास रोजगार दिलाने की चिंता करने के साथ सरकार ने कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक लगाकर विकास की रफ्तार को थमने नहीं दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2016 में हवाई सेवा के सर्वे में कहा गया था कि गोरखपुर से महज छह यात्री मिलेंगे ,हमने इसे खारिज किया और आज गोरखपुर से आठ शहरों के लिए विमान सेवा है। वायुसेवा विकास में सहयोगी बन रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तेजी से विकास के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के साथ ही सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है।
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उन्होंने कहा कि 1947 के बाद से 2017 तक प्रदेश में सिर्फ 12 राजकीय मेडिकल कॉलेज थे, तीन साल में हमने 30 नए राजकीय मेडिकल कॉलेज बनाने शुरू किए। गोरखपुर और रायबरेली में एम्स के साथ ही वाराणसी में एम्स जैसा संस्थान बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कल प्रधानमंत्री द्वारा शहरी आवास योजना के तहत किए गए शिलान्यास का जिक्र करते हुए कहा कि शहरी आवास योजना में 2016 में यूपी का देश मे 26वां स्थान था और अब यह प्रदेश प्रथम स्थान पर है।
शिलान्यास समारोह में सांसद रविकिशन शुक्ल ने कहा कि आज गोरखपुर हिंदुस्तान के पटल पर चमकता दिखाई दे रहा है तो इसके पीछे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संघर्ष है। योगी जी ने यहां से माफिया और भय का विनाश कर विकास किया है