प्रदेश में महिलाओं के प्रति लगातार बढ़ रही अपराध की घटनाओं को देखते हुए कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ ऐसे अपराध हो रहे हैं कि रूह कांप जाए, लेकिन प्रदेश की सरकार सो रही है।
उन्होंने कहा कि मथुरा में एक साल से लड़की को परेशान कर रहे गुंडों ने घर में घुसकर उसे छत से फेंक दिया। हमीरपुर में छेड़खानी से परेशान युवती आत्महत्या करने को मजबूर हो गई। ऐसी घटनाओं को देखकर लगता है प्रदेश के जंगलराज में महिलाओं की सुरक्षा भी भगवान भरोसे है।
उत्तर प्रदेश सरकार सत्ता संघर्ष में व्यस्त है। जबकि उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति लगातार बढ़ रही अपराध की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। योगी सरकार इतनी आत्ममुग्ध है कि प्रदेश में महिलाओं के प्रति बढ़े अपराध पर केंद्रीय संस्थान एनसीआरबी द्वारा दिए गए आंकड़ों को भी नकार दे रही है।
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वर्ष 2020 में उप्र में एनसीआरबी यानी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक हर दो घंटे में एक बलात्कार की घटना को रिपोर्ट किया जाता है, जबकि बच्चों के खिलाफ बलात्कार का मामला हर 90 मिनट में रिपोर्ट हुआ है। उन्होंने बताया कि एनसीआरबी के मुताबिक, साल 2018 में उत्तर प्रदेश में बलात्कार पर कुल 4322 मामले दर्ज हुए थे।
इसका सीधा मतलब है कि हर रोज करीब 12 बलात्कार के मामले हो रहे थे। वर्ष 2018 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 59445 मामले दर्ज किए गए। जिसका अर्थ है कि हर रोज महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध के मामले 162 रिपोर्ट किए गए। जो कि साल 2017 के मुकाबले 7 प्रतिशत ज्यादा है।
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आंकड़े ही नहीं अगर पिछले दो दिनों की खबरों को भी आधार माना जाए तो उत्तर प्रदेश अपराध प्रदेश बन चुका है। बहराइच में दो साल की बच्ची से बलात्कार की दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। लखीमपुर में भी नाबालिग बच्ची की बलात्कार के बाद हत्या कर दी जाती है। आगरा में एक महिला के साथ पूर्व प्रधान सहित चार लोगों ने ट्यूबवेल पर गैंगरेप किया और थाने में शिकायत दर्ज कराने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है, जिसके चलते परिवार पलायन को मजबूर हो गया है। प्रदेश सरकार अपराधियों के साथ है महिलाएं अपराध सहने को मजबूर।