उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड-19 से उत्पन्न चुनौती के बावजूद निवेशकों ने राज्य सरकार की इन्वेस्टर फ्रेण्डली नीतियों पर पूरा भरोसा जताते हुए निवेश के प्रस्ताव दिये हैं जिसे प्राथमिकता पर क्रियान्वित कराया जायेगा।
श्री योगी ने अपने सरकारी आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को सभी निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए कार्ययोजना बनाकर उसका समयबद्ध और शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं।
उन्होंने कहा कि औद्योगिक गतिविधियों का दायरा बढ़ाते हुए कोरोना काल खण्ड में प्राप्त निवेश प्रस्तावों को शीघ्रता से लागू कराया जाए। इसके लिए निवेशकों से सतत सम्पर्क बनाये रखते हुए उन्हें नीति के अनुरूप हर सम्भव सुविधा और प्रोत्साहन उपलब्ध कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि इन्वेस्टर्स को अपने उद्यम की स्थापना करने में कोई असुविधा न हो।
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बैठक में यह जानकारी दी गयी कि कोरोना काल खण्ड में प्रदेश में अब तक 66 हजार करोड़ रुपये के 96 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन निवेश प्रस्तावों में से 18 निवेशकों की 16 हजार करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन की कार्यवाही पूरी हो गयी है। निवेशकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इन्वेस्ट यूपी के स्तर पर पिछले साल अप्रैल से डेडिकेटेड हेल्पडेस्क संचालित की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को मेडिकल और इण्डस्ट्रियल आक्सीजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने मई में ‘उत्तर प्रदेश आक्सीजन उत्पादन प्रोत्साहन नीति-2021’ लागू की है। इस नीति के आकर्षक प्राविधानों के परिणामस्वरूप आक्सीजन उत्पादन से जुड़ी अनेक प्रतिष्ठित कम्पनियों ने प्रदेश में आक्सीजन संयंत्र की स्थापना में रुचि दिखायी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे इन कम्पनियों के शीर्ष प्रबन्धन से नियमित सम्पर्क में रहते हुए परियोजनाओं को स्थापित कराने के लिए हर सम्भव सहयोग प्रदान करें।
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उन्होने कहा कि सभी लम्बित एमओयू के क्रियान्वयन के लिए सम्बन्धित विभाग प्रभावी कार्यवाही करें। राज्य स्तर पर नियमित समीक्षा के साथ-साथ जिलास्तरीय उद्योग बन्धु की बैठक के माध्यम से निवेशकों की स्थानीय समस्याओं का स्थानीय स्तर पर निराकरण किया जाए। मण्डल स्तरीय उद्योग बन्धु की बैठक में सम्बन्धित जिलो की कार्यवाही का प्रभावी अनुश्रवण किया जाए।