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यूपी में अब भूगर्भ जल की बूंद-बूंद की निगरानी करेगी राज्य सरकार

ground water

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भूगर्भ जल (Ground Water) के बूंद-बूंद की निगरानी के लिए राज्य सरकार (State Government) ने बड़ी तैयारी की है। भूगर्भ जल (Ground Water) को संजोने के लिए जहां गांव-गांव में तेजी से तालाबों का जीर्णोद्धार और निर्माण किया जा रहा है। नए कूप बनाए जा रहे हैं। नदियों के किनारों पर हरियाली की जा रही है।

वहीं दूसरी ओर भूजल स्तर की निरंतर मॉनीटिरिंग के लिए भी तेजी से प्रयास शुरू हुए हैं। नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, भूजल योजना से प्रदेश में ऑटोमैटिक पीजोमीटर स्थापित करने का कार्य करने जा रहा है। भूगर्भ जल (Ground Water) की निगरानी की योजना प्रदेश में गिरते जल स्तर को सुधारने में बड़ी कारगर साबित होगी।

भूगर्भ जल (Ground Water) की निरंतर निगरानी की तैयारी

राज्य सरकार भूजल स्तर (Ground Water) को सुधारने और वर्षा जल के मापन क्षेत्र में नित नए कीर्तिमान गढ़ने की तैयारी में है। योगी सरकार की प्राथमिकता गांव-गांव तक प्रत्येक जरूरतमंद तक पानी की उपलब्धता, शुद्ध पेयजल और सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी देना है। भूजल को संजोने और उसमें सुधार लाने के लिए भी सरकार प्रतिबद्ध है।

ऐसे में नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग अगले 100 दिनों में नेशनल हाईड्रोलॉजी प्रोजेक्ट से पुराने लगे 110 पीजोमीटर का रखरखाव करने और 50 नए डिजिटल वॉटर लेविल रिकार्डर स्थापित किए जाने की कार्ययोजना तैयार कर रहा है। इन मानक यंत्रों की बढ़ती जरूरत को देखते हुए सरकार ऑटोमैटिक पीजोमीटर लगाने की योजना तेजी से आगे बढ़ा रही है।

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अगले 05 सालों में यूपी में 7500 ऑटोमैटिक पीजोमीटर लगाए जाने हैं। नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग भूजल योजना (Ground Water Project) से यूपी में पीजोमीटर की संख्या को 10 हजार तक ले जाने की योजना पर तेजी से काम कर रहा है।

गौरतलब है कि सरकार की मंशा को पूरा करने के लिए जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev) भी विभागीय अधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे हैं। भूजल स्तर (Ground Water) की मॉनीटरिंग की व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाने में लगे हैं। उनकी ओर से भूजल को संजोने के लिए नई-नई योजनाएं बनाई जा रही हैं। राज्य सरकार नेशनल हाईड्रोलॉजी प्रोजेक्ट से पिछले साल प्रदेश में भूजल स्तर की मॉनीटरिंग के लिए 700 पीजोमीटर लगा चुकी है। प्रदेश में वर्तमान में 6511 पीजोमीटर संचालित हैं। इनमें पाइलेट प्रोजेक्ट के रूप लगाए जा चुके 1494 ऑटोमैटिक पीजोमीटर भी शामिल हैं।

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