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थाना प्रभारी व सिपाही निलंबित, एक लाख रुपए लेने का लगा आरोप

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उत्तर प्रदेश के कानपुर में कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद पुलिस की छवि ठीक करने में जुटे पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने भ्रष्ट पुलिस अफसरों पर कार्रवाई शुरू कर दी है और इसी के तहत थाना कल्याणपुर के अंतर्गत 28 मार्च को बीयर की दुकान में हुई मारपीट के प्रकरण में एक लाख रुपये लेने के आरोप में फंसे थाना कल्याणपुर प्रभारी और एक सिपाही को आज निलंबित कर दिया ।

थाना कल्याणपुर के अंतर्गत पनकी रोड़ पर मोनू गौर की बीयर की दुकान है। उनका आरोप था कि 28 मार्च की देर रात वह अपनी दुकान पर बैठे थे। तभी मिर्जापुर निवासी सीनू ठाकुर आया और फ्री में बीयर की मांग करने लगा।

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इनकार करने पर सीनू ठाकुर ने साथियों को बुला लिया और बीयर संचालक की दुकान में तोड़़फोड़़ कर उसकी पिटाई शुरु कर दी। पीड़ित ने जब घटना की जानकारी ड़ायल 112 को दी तो वहां पहुंची कल्याणपुर पुलिस दोनों पक्षों को लेकर थाने लेकर आ गई।

आरोप है कि पुलिस ने उल्टा पीड़ित को को ही हवालात में ड़ाल दिया था। छोड़ने के एवज में एक लाख की मांग की थी। इसकी जानकारी जब उनकी पत्नी प्रियंका को हुई तो देर रात किसी तरह एक लाख रुपये की व्यवस्था कर थाना प्रभारी कल्याणपुर जनार्दन प्रताप सिंह के कारखास सिपाही धीरेन्द्र कुमार को दिया गया।

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एक लाख रुपये लेने के बाद पुलिस ने पीड़ित को घर भेज दिया। दूसरे दिन पीड़ित ने घटना की शिकायत पुलिस कमिश्नर असीम अरुण से की। पुलिस कमिश्नर ने मामले की जांच करवाई तो जांच में प्रथम दृष्टि कल्याणपुर प्रभारी व सिपाही दोषी पाए गए। जांच में दोषी पाये जाने पर देर रात पुलिस आयुक्त ने थाना कल्याणपुर प्रभारी जनार्दन प्रताप सिंह और सिपाही धीरेंद्र को निलंबित कर दिया है।

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