उत्तर प्रदेश पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बरेली जेल से 11 वर्षो से फरार चल रहे 25 हजार के वाछित इनामी अभियुक्त नरूल हसन को गिरफ्तार कर लिया।
एसटीएफ प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोतवाली बरेली में दर्ज मुकदमें में बंद नरूल हसन जिला कारागार बरेली की दीवार फांदकर 11 वर्ष पहले फरार हो गया था। इस बदमाश की गिरफ्तारी के लिए 25 हजार का इनाम घोषित करते हुए एसटीएफ को पकड़ने के लिए लगाया गया था। उन्होंने बताया कि नरूल हसन मूल रुप से इस्लामपुर कस्बा व थाना खटीमा ऊघम सिंह नगर (उत्तराखण्ड) का रहने वाला है।
उन्होंने बताया कि इस बदमाश को कल रात बरेली कोतवाली इलाके में चौकी चौराहा से उस समय गिरफ्तार कर लिया जब वह बरेली के बारादरी इलाके में अपने भाई से मिलने आया था। एसटीएफ की बरेली टीम के निरीक्षक अजय पाल सिंह के नेतृत्व में गठित टीम ने वांछित अभियुक्त नूरूल हसन को गिरफ्तार कर लिया।
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गिरफ्तार आरोपी के पास से फर्जी आधार कार्ड मो0 अयूब नजदीक इमामवाडा, नई सीलमपुर,शास्त्री पार्क, पूर्व दिल्ली के नाम का बरामद किया गया। इस आधार कार्ड से इण्डेन गैस कनेक्शन लिया और गाजियाबाद में ओरियन्टल बैक आफ काॅमर्स लोनी में बैक एकाउन्ट भी खुलवाया और रेल यात्रा भी की गई थी।
प्रवक्ता ने बताया कि यह बदमाश वर्ष 2009 में बरेली के बारादरी थाना क्षेत्र से चोरी की मोटर साईकिल के मामले में जिला कारागार बरेली में बंद था। उसकी जमानत नहीं हो पा रही थी। उससे जेल के अन्दर दिन में नीबू वाले बाग में साफ-सफाई का काम लिया जाता था, 03 मई 2009 को जब नीबू वाले बाग में काम पर लगा इसी बीच मौका देखकर अपनी लुंगी फाड़कर रस्सी बनाई और जेल की दीवार पर लगे तार के एंगल में फेक कर फंसा दिया उसके बाद उसी सहारे दीवार फाॅदकर भाग गया था।
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वहाॅ से भागने के बाद गाजियाबाद की खोडा कालोनी में रहा और वहाॅ पर कट पीस का कपड़ा खरीद कर बेचने लगा, बाद नर्दसीलमपुर दिल्ली चला गया और वहाॅ पर अपना फर्जी आधार कार्ड बनवाया। उसके कुछ समय बाद लोनी गाजियाबाद आ गया और वहाॅ कपड़ा बेचने लग। अपनी पत्नी के आधार कार्ड पर भी अपना नाम नूरूल न लिखवाकर अय्यूब ही लिखवाया। वह अपने भाई से मिलने बरेली आया था। भाई से मिलने से पहले ही पुलिस ने पकड लिया गया। गिरफ्तार बदमाश को जेल भेज दिया।