लखनऊ। पूर्व मंत्री और सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के निजी सचिव अरमान खान (Arman Khan) को यूपी एसटीएफ (STF) ने गुरुवार को लखनऊ के पीजी कॉलेज के पास से साथियों समेत गिरफ्तार कर लिया। अरमान खान और उसके साथियों पर बेरोजगार युवकों को सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी का आरोप है।
एसटीएफ ने अरमान के साथ फैजी, असगर, विशाल और अमित को भी गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से 57 हस्ताक्षर किए हुए चेक भी बरामद हुए हैं। इसके अलावा 5 फर्जी आईडी कार्ड, 22 फर्जी नियुक्ति पत्र और और तमाम शैक्षिक प्रमाण पत्र व अंक पत्र बरामद किया गया है। साथ ही बिना नंबर की XUV700 गाड़ी और बगैर हस्ताक्षर के सचिवालय पास भी बरामद हुआ है।
एसटीएफ के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी अरमान खान पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का निजी सचिव रहा है। उसका वेतन श्रम विभाग की तरफ से रिलीज़ किया जाता रहा है। वह अपने कार्यालय का उपयोग सलाहकार आदि के लिए करता था। जिसकी वजह से समय-समय पर वह विभिन्न छात्रों को मंत्री से मिलवाता रहता था।
एसटीएफ के मुताबिक ठगी के इस संगठित अपराध में उसका मुख्य साथी असगर अली था, जो कि देवरिया का रहने वाला है। वह कई विभागों में आउट सोर्सिंग पर नौकरी करता रहा है। अरमान की वजह से असगर अली आसानी से सचिवालय में प्रवेश करता था। वह जमील के माध्यम से छात्रों को फंसाता था।
एसटीएफ की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक तीसरा आरोपी फैजी को अरमान ने सचिवालय में डिजिटलाइजेशन का काम कर रही यूवी टेक कंपनी वेंडर दिलवाया था। इसे भी सरकारी नौकरी के बारे में ठीक ठाक जानकारी थी। चौथा आरोपी विशाल गुप्ता खुद को मंत्रियों के टच में दिखाकर छात्रों को प्रभावित करता था। इसके अलावा वह सरकारी नौकरियों में नियुक्ति और रिक्तियों का मास्टरमाइंड था। पांचवां आरोपी अमित राय अरमान और फैजी के माध्यम से इस ग्रुप से जुड़ा। वह असगर के माध्यम से छात्रों से पैसे लिया करता था। एसटीएफ अब इस गैंग के अन्य सदस्यों की जानकारी भी जुटाने में लगी है।