प्रयागराज लखनऊ एसटीएफ की टीम ने मंगलवार शाम डॉ. ए.के. बंसल हत्याकाण्ड मामले में फरार चल रहे पचास हजार के इनामी अपराधी को रामबाग रेलवे क्रासिंग के समीप से गिरफ्तार किया। टीम ने उसके कब्जे से दो हजार रूपये, दो चादर और दो लोवर एक टी शर्ट बरामद किया है। इस सम्बन्ध में कीडगंज थाने में विधिक कार्रवाई कर रही है।
उक्त जानकारी देते हुए एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि लखनऊ टीम के पुलिस उपाधीक्षक दीपक सिंह की टीम ने प्रतापगढ़ जिले के कोतवाली क्षेत्र के आजाद नगर निवासी मो. अबरार खान पुत्र मो.अब्दुल रफीक को गिरफ्तार किया। उक्त अपराधी की गिरफ्तारी के लिए पचास हजार रूपये का इनाम घोषित है। इसकी गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ के पर्यवेक्षणाधीन अधिकारी हेमन्तभूषण के नेतृत्व में टीम काम कर रही थी।
गौरतलब है कि 12 जनवरी 2017 को शहर के मानेजाने चिकित्सक डॉ.अश्वनी कुमार बंसल निदेशक जीवन ज्योति अस्पताल की शाम के समय ओपीडी मरीज देखते समय दो अपराधियाें ने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस सम्बन्ध में डॉ.बंसल के भाई प्रवीण कुमार बंसल की तहरीर पर हत्या का मुकदमा दर्ज करके जांच की जा रही थी।
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एसटीएफ की टीम से पूछताछ के दौरान मो.अबरार खान ने बताया कि प्रतापगढ़ के केपी इंटर कालेज से शिक्षा ग्रहण करने के दौरान क्रिकेट मैच खेलने एवं जमात के दौरान उसकी दोस्ती शोएब व भुलियापुर निवासी यासिर व जावेद उर्फ जब्बा और घरौरा लालगंज निवासी मकसूद उर्फ जैद से हुई। जहां हम लोगों का एक ग्रुप बन गया। वर्ष 2017 में यासिर की हुई हत्या के सम्बन्ध में पूछने पर बताया कि जीवन ज्योति हस्पिटल के डॉ. बंसल ने अपने बेटे के एडमीशन के लिए 55लाख रूपया आलोक सिन्हा को दिये थे। जिसे वह पैसा हड़प लिया। जिसके बाद डा. बंसल ने उसके खिलाफ धोखधड़ी का मुकदमा दर्ज करा दिया गया।
जिसमें आलोक सिन्हा को पुलिस ने गिरफ्तार करके नैनी जेल भेज दिया। जहां नैनी जेल में मौजूद दिलीप मिश्रा, अशरफ उर्फ अख्तर कटरा, जुल्फिकार उर्फ तोता, गुलाम रसूल मौजूद थे। जेल के एक नम्बर सर्किल के बी क्लास बैरक में निरूद्ध थे। जहां उसकी उक्त सभी लोगों से मुलाकात हुई और हत्या के लिए 15 लाख रूपये नगद और 55 लाख रूपय बाद में दिये जाने की बात तय हो गया। 15 लाख रूपया, दो पिस्टल और एक मोटर साइकिल उपलब्ध करायी गई। 12 जनवरी 2017 की शाम 7 बजे शोएब तथा यासिर व मकसूद मोटर साइकिल से जीवन ज्योति अस्पताल पहुंचे और हत्या करके फरार हो गए। हालांकि बाद में पैसो के बटवारे को लेकर मकसूद और यासिर के बीच विवाद हो गया। घटना के डेढ़ महीने बाद यासिर की हत्या कर दी। जिसमें मकसूद पकड़ा गया लेकिन शोएब का नाम नहीं आया। इस सम्बन्ध में कीडगंज थाने में कार्रवाई की जा रही है।