लखनऊ। दूसरे व्यक्ति के शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर फर्जी तरीके से श्रावस्ती में नियुक्त शिक्षक को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। वह दूसरे नाम पर भी नौकरी कर रहा था। आरोपी के पास से कई फर्जी दस्तावेज बरामद किये गये हैं।
दरअसल, एसटीएफ को फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी तरीके से शिक्षक नियुक्त होने की शिकायतें मिल रही थीं। इस संबंध में एसटीएफ की एक टीम को सुरागरसी में लगाया गया था। जांच में सुनील कुमार, प्रधानाध्यापक परसोहना ब्लाक सिरसिया श्रावस्ती के शैक्षिक दस्तावेजों की काफी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, श्रावस्ती से हासिल कर ली गयी। सुनील कुमार के हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट के अंकपत्र का सत्यापन अग्रसेन इण्टर कालेज बुलन्दशहर से कराया गया।
अग्रसेन इण्टर कालेज बुलन्द शहर से प्राप्त सत्यापन आया के अनुसार अभिलेखों में सुनील कुमार का पता ग्राम कृपानगर उर्फ बीघेपुर पोस्ट पारपा, हापुड़ पाया गया। इस पते के निवासी सुनील कुमार के मोबाइल नंबर से संपर्क किया गया तो उनके द्वारा जानकारी दी गयी कि वह किसी राजकीय सेवा में नियुक्त नहीं है। एसटीएफ की टीम ने सारे साक्ष्य एकत्र करने के बाद दूसरे के दस्तावेज के जरिये नौकरी कर रहे सुनील कुमार को गिरफ्तार कर लिया।
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पूछताछ करने पर गिरफ्तार अभियुक्त सुनील कुमार ने बताया कि उसका असली राम सजन वर्मा है। हाईस्कूल परीक्षा वर्ष 1996 में, इण्टरमीडिएट परीक्षा वर्ष 1998 में औद्योगिक इण्टर कालेज महराजगंज बस्ती से, बीए वर्ष 2003 में किसान डिग्री कालेज बस्ती से व बीएड वर्ष 2005 में साकेत महाविद्यालय अयोध्या से उत्तीर्ण किया है।
उसने बताया कि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान श्रावस्ती में नियुक्त जेपी श्रीवास्तव ने सुनील कुमार के नाम के शैक्षिक दस्तावेज उपलब्ध कराये थे, जिनकी मुत्यु हो चुकी है। जेपी श्रीवास्तव द्वारा सुनील कुमार के उपलब्ध कराये गये शैक्षिक दस्तावेजों का प्रयोग करते हुये वर्ष 2010 में जनपद श्रावस्ती से आवेदन किया था, जिसके उपरान्त वर्ष 2011 में प्राथमिक विद्यालय शंकर नगर सिरसिया में नियुक्त हुआ था।