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50-50 हजार के दो इनामी हत्यारोपियों को STF ने देहरादून से किया गिरफ्तार

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उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बागपत के रमाला इलाके से वांछित चल रहे 50-50 हजार रुपये के दो इनामी कुख्यात हत्यरोपियों को देहरादून से गिरफ्तार कर लिया।

एसटीएफ प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी दी। गौतमबुद्धनगर एसटीएफ की फील्ड इकाई को कल सूचना मिली कि वर्ष 2014 में बागपत जिले के रामाला थाने में दर्ज हत्या के मामले में वांछित दो इनामी हत्यारोपियों किरठल निवासी धर्मेन्द्र चौहान उर्फ धर्मेन्द्र किरठल व सिसौली मुजफ्फरनगर निवासी सुभाष उर्फ छोटू किरसौली चौक सहत्रधारा रोड, देहरादून, उत्तराखण्ड किसी व्यक्ति से मिलने के लिए आने वाले हैं।

उन्होंने बताया कि इस सूचना पर एसटीएफ की नोएडा टीम गन्तव्य स्थान पर पहॅुचकर वाहन सवार दोनों हत्यरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से हत्या में प्रयुक्त हथियार बरामद कर लिया । दोनों हत्यारोपियों को बागपत के रमाला थाने में लाकर आवश्यक वैधानिक कार्रवाई के लिए दाखिल करा दिया गया है।

उन्होंने बताया कि पूछताछ पर धर्मेन्द्र किरठल ने बताया कि वह वर्ष 2002 में किरठल गांव का प्रधान था तथा प्रधानी के चुनाव को लेकर किरठल निवासी नरेन्द्र व सुरेन्द्र से रंजिश हो गई थी। सुरेन्द्र की शादी शातिर अपराधी मुजफ्फरनगर जिले के कैल निवासी नीटू कैल की बहन से हुई थी। इसी रंजिश को लेकर वर्ष 2004 में नीटू कैल व उसके गिरोह के अन्य साथियों ने धर्मेन्द्र किरठल के घर पर स्वचालित हथियारों से हमला किया था, जिसमें धर्मेन्द्र किरठल के पिता, चाचा, भाई व भाभी मौके पर ही मारे गये थे तथा बहन बबिता गम्भीर रूप से घायल हो गयी थी। इसी रंजिश में धर्मेन्द्र किरठल ने 2004 में रोहतक, हरियाणा में नरेन्द्र निवासी किरठल व उसके एक अन्य साथी जोकि मुकदमें में गवाह था की हत्या कर दी थी।

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प्रवक्ता ने बताया कि धर्मेन्द्र ने अपने साथियों के साथ मिलकर वर्ष 2004 में ही किरठल निवासी ब्रहम सिंह की हत्या कर दी थी। उसके बाद वर्ष 2005 में धर्मेन्द्र किरठल ने गांव के ही सुरेन्द्र की हत्या अपने गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर शामली में कर दी थी। उसके बाद 2005 में ही कांधला निवासी अनिल भारसी व केजारेडी निवासी बबलू जोकि धर्मेन्द्र किरठल के घर पर हुए हमले में अभियुक्त और मुकदमें में जेल में निरूद्ध थे, इनकी गाजियाबाद न्यायालय में पेशी से वापसी के दौरान मुरादनगर में धर्मेन्द्र किरठल ने अपने साथियों के साथ मिलकर दोनों की हत्या कर दी थी।

वर्ष 2006 में धौलपुर राजस्थान में धर्मेन्द्र जनक यादव उर्फ अजय जडेजा व अजय जडेजा के साथी राहुल त्रिवेदी के साथ पकडा गया था और वर्ष 2011 तक जेल में रहा।

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उन्होंने बताया कि धर्मेन्द्र किरठल जब मेरठ जेल में निरूद्ध था जहाॅ वर्ष 2007 में कैदियों द्वारा जेल से भागने के लिए सुरंग खोद दी गई थी जिसके अपराधिक षडयन्त्र में धर्मेन्द्र किरठल का नाम भी आया था और इसके विरूद्ध सख्ती बरतने के कारण 2007 में उसने अजय जडेजा और ज्ञानेन्द्र सबका के साथ मिलकर डिप्टी जेलर, मेरठ नरेन्द्र द्विवेदी की हत्या कराने में भी इसकी भूमिका प्रकाश में आयी थी। जेल में रहने के दौरान ही इसने वर्ष 2009 में किरठल निवासी साहब सिंह व गवाह मदन पुत्र नाहर सिंह की पुरानी रंजिश के चलते हत्याएं करायी थी। वर्ष 2011 में जमानत पर छूटकर बाहर आया और कुछ समय के बाद ही ग्राम प्रधान किरठल कृष्णपाल से चुनावी रंजिश हो गयी जिसके कारण अपने साथियों के साथ मिलकर उसने कृष्णपाल पर अपने साथियों से जान लेवा हमला करा दिया था जिसमें वह बाल-बाल बच गया था। उसके बाद 2013 मेें बागपत न्यायालय में आत्मसमर्पण कर जेल चला गया था और एक साल तक जेल में रहा था तथा वर्ष 2014 में जेल छूटकर बाहर आया था।

प्रवक्ता ने बताया कि 12 दिसम्बर 2020 को धर्मेन्द्र किरठल ने सुभाष उर्फ छोटू आदि के साथ मिलकर कृष्णपाल के घर रहने वाले इरशाद की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसके सम्बन्ध में थाना रमाला पर दर्ज मामले में फरार चल रहा था। धर्मेन्द्र किरठल और सुभाष पर 50-50 हजार का इनाम घोषित कर रखा था। उन्होंने बताया कि धर्मेन्द्र किरठल पर हत्या आदि के बागपत,मेरठ, बुलंदशहर ,मुजफ्फरनगर,शामली और राजस्थान के धौलपुर में 53 मामले दर्ज हैं।

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