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STF ने किया अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का पर्दाफाश, पूर्व रणजी प्लेयर निकला सरगना

Fake Telephone Exchange

Fake Telephone Exchange

नोएडा। यूपी एसटीएफ ने अवैध टेलीफोन एक्सचेंज (Fake Telephone Exchange) चलाने वाले एक गिरोह का खुलासा किया है. इसके जरिए ये गिरोह हवाला और उगाही जैसी वारदातों को अंजाम देता था. एसटीएफ ने इसमें शामिल 3 लोगों को किया गिरफ्तार. इसमें से एक झारखंड का पूर्व रणजी प्लेयर है. पुलिस का कहना है कि ये लोग वीओआईपी कॉल को लोकल नेटवर्क में बदलकर अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चला रहे थे. इसे #SIFY डाटा सेंटर के नाम से नोएडा के सेक्टर 132 में चलाया जा रहा था.

गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान अभिषेक श्रीवास्तव, आशुतोष बोरा और मोहम्मद शोएब के रूप में हुई है. बोरा पूर्व रणजी प्लेयर है और रणजी में जगह दिलवाने के नाम पर ठगी के आरोप में वो मुंबई में गिरफ्तार भी हो चुका है. जेल में इसकी मुलाकात सोनू नाम के एक शख्स से हुई थी.

सोनू ने ही इसे अवैध टेलीफोन एक्सचेंज (Fake Telephone Exchange) चलाना सिखाया था. सोनू के माध्यम से आशुतोष की पहचान मोहम्मद अली से हुई थी, जो कि दुबई में रहता है. वहां वो इसी तरह का एक सर्वर चलाता है. उसने ही नोएडा में टेलीफोन एक्सचेंज चलाने में मदद की थी.

जांच और पूछताछ में पता चला है कि इस फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज (Fake Telephone Exchange) का इस्तेमाल फिरौती, हवाला जैसी वारदातों को अंजाम देने के लिए किया जा रहा था. हाल ही में गायब हुए 2 बच्चों के लिए रैनसम कॉल की गई थी. वह भी इसी एक्सचेंज से की गई थी. यह मामला हरियाणा के पानीपत का था.

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आशुतोष ने पूछताछ में यह भी बताया कि 25 पैसा प्रति मिनट के हिसाब से अली हवाला के माध्यम से पैसा भेजा करता था. वहीं पकड़े गए अन्य आरोपियों में अभिषेक श्रीवास्तव उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर का रहने वाला है. उसने कंप्यूटर हार्डवेयर का कोर्स किया हुआ है.

उसे आशुतोष ने अखबार में इश्तहार देने के बाद 80 हजार रुपये महीने नौकरी पर रखा था और सेंटर चलाने का जिम्मा दिया था. इसी तरह मोहम्मद शोएब को भी 40 हजार रुपये महीने की नौकरी पर रखकर केयरटेकर का जिम्मा दिया था.

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