Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

दस्यु गौरी को मारने वाली एसटीएफ टीम को मिले 27 लाख रुपये

चित्रकूट। जिले के नामी डकैत उदयभान उर्फ गौरी यादव को मारने वाली एसटीएफ टीम के नौ सदस्यों को गृह सचिव अवनीश अवस्थी ने 27 लाख रुपये का इनाम दिया है। एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि शनिवार को यह इनाम मिला है।

तीस अक्टूबर को मप्र व उप्र में आतंक का पर्याय बने नामी डकैत उदयभान उर्फ गौरी यादव पर साढ़े पांच लाख का इनाम था। एसटीएफ टीम ने गौरी यादव को बहिलपुरवा थाना क्षेत्र के मारो बंधा के पास जंगल में मुठभेड़ में कई राउंड फायरिंग के बाद मार गिराया था। मुठभेड़ में गिरोह के अन्य सदस्य अंधेरे का लाभ उठाकर भाग निकले थे। दस्यु गौरी यादव 2005 में डकैत बना था।

पहले वह दस्यु ददुआ व दस्यु ठोकिया के गिरोह में काम करता था। बाद में दस्यु गौरी एसटीएफ का मुखबिर बनकर मुखबिरी करने लगा था। ददुआ-ठोकिया खात्मे के बाद खुद डकैत सरगना बन बैठा था। दस्यु गौरी डकैतों की धमक देखकर खुद डकैत बन गया था।

अपर पुलिस महानिदेशक अमिताभ यश ने बताया कि इनाम की धनराशि एडीजी प्रशांत कुमार व उन्हें तथा निरीक्षक जयप्रकाश राय, दरोगा अमित तिवारी, दरोगा संतोष सिंह, दीवान राजकुमार शुक्ला, सिपाही शिवानन्द शुक्ला, कमांडो विनोद कुमार सिंह, कमांडो अस्तभान यादव को मिलेगा। ददुअ-ठोकिया के बाद गौरी यादव बीहड में बडा नाम बन चुका था। मार्च 2021 में चित्रकूट के जंगलों में फायरिंग कर दहशत फैला दी थी। 20 साल पहले डकैती की दुनिया में घुसने वाले गौरी यादव ने 2005 में अलग गैंग बनाया था।

2007 में ददुआ और 2008 में ठोकिया के मारे जाने के बाद 2009 में गौरी यादव गिरफ्तार होकर जेल गया था। जमानत पर बाहर आने के बाद मप्र के रीवां व सतना की तीन विधानसभा क्षेत्र में उसका दबदबा था। जिले की मऊ-मानिकपुर व कर्वी विधानसभा व बांदा की नरैनी की विधानसभा में उसका दखल था। उप्र-मप्र में तकरीबन 85 मामले दर्ज थे।

पहला मामला नयागांव थाना में लूट का दर्ज हुआ था। जिले के मारकुण्डी थाने में 2005 में अपहरण कर फिरौती का मामला दर्ज हुआ था। 2013 में दस्यु गौरी ने बेलहरी गांव आये दिल्ली के पुलिस दरोेगा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। दस्यु गौरी के बचपन में ही पिता का साया उठ गया था। उसने कक्षा दस तक पढाई की थी।

Exit mobile version