लखीमपुर खीरी में बीते रविवार को किसानों और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा समर्थकों के बीच हुए हिंसक झड़प की जांच अब तेज होती जा रही है।
हिंसक झड़प में अबतक नौ लोगों की मौत हो चुकी है। इस घटना में सियासी बवाल भी तेज होता जा रहा है। लखीमपुर खीरी में भड़की हिंसा की जांच अब एसटीएफ करेगी। मिल रही जानकारी के मुताबिक एसटीएफ सोमवार शाम से ही जांच अपने हाथ में ले लेगी।
उधर पुलिस ने हिंसा के बाद वायरल वीडियो से 24 लोगों की शिनाख्त की है। साथ ही पुलिस सात लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
इससे पहले पूरे मामले में पुलिस ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों के खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश और बलवा सहित कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। हालांकि अभी तक इस मामले में किसी की भी गिरफ़्तारी नहीं हुई है। उधर लखीमपुर जिला प्रशासन और किसानों के बीच बैठकों का दौर जारी है। किसानों की मांग है कि अजय मिश्रा को मंत्री पद से हटाया जाए। उनके बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तार किया जाए। इसके अलावा मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
प्रियंका के नजरबंद करने से नाराज कांग्रेस नेताओं ने धरना दिया, सड़क जाम
इस बीच मामले को लेकर लखीमपुर खीरी से लेकर लखनऊ तक बवाल मचा हुआ है और जमकर सियासत जारी है। पुलिस ने लखीमपुर जाने के जिद पर अड़े अखिलेश यादव, प्रियंका गांधी, शिवपाल यादव, रामगोपाल यादव, संजय सिंह समेत तमाम नेताओं को हिरासत में लिया गया है। विपक्ष का आरोप है कि उसे पीड़ितों से मिलने नहीं दिया जा रहा है।
उधर विपक्ष के रवैये पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए योगी सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि विपक्ष इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर सियासत कर रहा है। इसकी इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। खुद मुख्यमंत्री ने इसका संज्ञान लिया है। बिना जांच के किसी भी नतीजे पर पहुंचना उचित नहीं है। मामले में जो भी दोषी होगा उसे सख्त से सख्त अजा दी जाएगी।