प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को वीरांगना नगरी झांसी में स्ट्रॉबेरी महोत्सव का वर्चअल शुभारंभ करते हुए कहा कि सूखे बुंदेलखंड की धरती पर स्ट्रॉबेरी की खेती किसानों के परिश्रम का ही परिणाम है जो उन्हें आय का एक नया जरिया मुहैया करायेगी।
यहां अगले एक माह तक चलने वाला स्ट्रॉबेरी महोत्सव का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है। बुंदेलखंड की धरती पर स्ट्रॉबेरी महोत्सव का आयोजन हो रहा है। बुंदेलखंड के बारे में देश और प्रदेश की जो धारणा थी उसे इस महोत्सव के माध्यम से एक नया संदेश दिया जा रहा है, यह झांसी सहित बुंदेलखंड के नागरिकों में कार्य करने की दृढ़ इच्छा शक्ति है।
बुंदेलखंड की उर्वरा भूमि में सोना उगलने की क्षमता है लेकिन इस प्रतिभा को उचित मंच नहीं मिल पा रहा था। झांसी में अगले एक माह तक चलने वाला स्ट्रॉबेरी महोत्सव चमत्कार से कम नहीं है, यह हमारे बुंदेलखंड के किसानों के परिश्रम का परिणाम है। मैं इसके लिए सभी किसान बंधुओं को हृदय से बधाई देता हूं। स्ट्रॉबेरी का उत्पादन कार्य घर की छत से प्रारंभ किया गया, इसके बाद इसे खेतों में रोपित किया गया। अब एक महोत्सव के रूप में पूरे झांसी बुंदेलखंड में एक नई पहचान दिलाने का काम करेगा।
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शौर्य की धरती झांसी में अब स्ट्रॉबेरी लिखेगी तरक्की की नई इबारत, यदि इसे किसानों तक पहुंचाया जाए तो यह एक बेहतर आमदनी का जरिया बन जाएगी। झांसी की धरती स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए उपयोगी एवं लाभकारी है। इस खेती को बढ़ावा देने के लिए झांसी में स्ट्रॉबेरी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान एक माह तक चलने वाले महोत्सव में झांसी सहित संपूर्ण बुंदेलखंड में इसकी खेती के व्यापक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हों। उन्होंने कहा कि निजी रूप से प्रदेश के पिछड़े इलाकों में शामिल बुंदेलखंड के विकास के लिए शासन /प्रशासन बेहद गंभीर है और चाहते हैं कि बुंदेलखंड में हर तरफ खुशियां हो, उद्योग से लेकर खेती किसानी में तरक्की हो।
जब भी मैं बुंदेलखंड को देखता हूं तो मेरा मानना है कि वहां सब कुछ है, अपने परिश्रम और पुरुषार्थ से इस स्ट्रॉबेरी महोत्सव के माध्यम से प्रदेश में ही नहीं देश में एक नया संदेश बुंदेलखंड देने जा रहा है। यदि कार्य करने की इच्छाशक्ति हो तो कठिन से कठिन चुनौती का सामना करके परिणाम दिया जा सकता है और यह कार्य कोरोना काल में हमारे अन्नदाताओ ने कर दिखाया। जनता जब लाकडाउन में थी तो किसान धरती से सोना उगाने का काम कर रहे थे।
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मुख्यमंत्री ने कहा “ जहां चाह वहां राह ”। झांसी में स्ट्रॉबेरी की खेती से तथा सुल्तानपुर व बाराबंकी में ड्रैगन फ्रूट के उत्पादन से किसानों की आय दोगुनी की जा सकती है। सरकार हर क्षेत्र में सहयोग कर रही है, सब्सिडी दे रही साथ ही किसानों को तकनीकी के साथ किसानी को जोड़ने का कार्य कर रही है। किसानों को ड्रिप इरिगेशन सुविधा का लाभ और सब्सिडी का लाभ देकर आमदनी कई गुना बढ़ाने का भी कार्य सरकार कर रही है उन्होंने कहा कि यदि हम खेतों को ड्रिप इरिगेशन से जोड़ दें तो उत्पादन में बढ़ोतरी होगी और पानी की खपत भी कम होगी।
झांसी में स्ट्रॉबेरी महोत्सव पूरे उत्तर प्रदेश के अन्नदाताओं के लिए एक अनोखी पहल है। उन्होंने झांसी के स्ट्रॉबेरी महोत्सव की तरह बाराबंकी में सब्जी उत्पादन, सुल्तानपुर में ड्रैगन फूड तथा चंदौली, कौशांबी, प्रयागराज में काला चावल अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग महोत्सव किए जाने का सुझाव दिया। वर्चुअल स्ट्रॉबेरी महोत्सव कार्यक्रम में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, सांसद झांसी ललितपुर अनुराग शर्मा, अपर मुख्य सचिव उद्यान डॉक्टर मनोज कुमार, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, कुलपति बुंदेलखंड विश्वविद्यालय जेवी वैशंपायन, कुलपति महारानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय अरविंद कुमार, मंडलायुक्त झांसी सुभाष चंद शर्मा ने भी अपने उद्गार प्रकट किए।
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इस मौके पर विधायक सदर रवि शर्मा, विधायक बबीना राजीव सिंह पारीछा, विधायक गरौठा जवाहर लाल राजपूत, जिला अधिकारी आंद्रा वामसी, सीडीओ शैलेष कुमार, नगर आयुक्त अवनीश कुमार राय, गुरदीप चावला “ हैप्पी ”, गौरव गर्ग सहित बड़ी संख्या में विशिष्ट अतिथि गण, किसान और उद्यमी उपस्थित रहे।