इस साल 24 जून को ग्रीष्म संक्राति के बाद की पहली पूर्णिमा है और इस दिन एक अनोखी खगोलीय घटना आसमान मेंदिखाई देगी। 24 जून में आसमान में चंद्रमा(चांद) स्ट्रॉबेरी के रंग में दिखाई देगा। इस अनोखी खगोलीय घटना को स्ट्राबेरी मून(Strawberry Moon) कहा जाता है। इस दिनचांद आकार में बड़ा और थोड़ा-थोड़ा स्ट्राबेरी की तरह गुलाबी रंग का दिखाई पड़ेगा। जून में पूर्णिमा के दिन निकलने वाले इस चांद को स्ट्राबेरी मून(Strawberry Moon)कहते हैं। किसी-किसी जगह पर इसे हॉट मून(Hot Moon) या हनी मून(Honey Moon) भी कहा जाता है।
क्या होगा खास ?
चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी से निकटता के कारण अपने सामान्य आकार से काफी बड़ा दिखाई देगा, तब इसे स्ट्राबेरी मून कहेंगे। इस पूर्णिमा के चांद को स्ट्राबेरी मून कहा जाता है। इसे साल का आखिरी सुपर मून कहा जा रहा है।
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कहां से नाम आया स्ट्राबेरी मून?
स्ट्राबेरी मून का नाम दरअसल प्राचीन अमेरिकी जनजातियों से नाम मिला है, जिन्होंने स्ट्राबेरी के लिए कटाई के मौसम की शुरुआत के साथ पूर्णिमा को चिन्हित किया था। दरअसल, स्ट्राबेरी मून एक स्थानीय अमेरिकी नाम है। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में इसे अलग-अलग नाम से जाना जाता है। यूरोप में स्ट्राबेरी मून को रोज मून कहते हैं, जो गुलाब की कटाई का प्रतीक है। उत्तरी गोलार्ध में इसे गर्म चंद्रमा(Hot Moon) कहा जाता है क्योंकि यह भूमध्य रेखा के उत्तर में गर्मी के मौसम की शुरुआत करता है। इसे वहां गर्मी की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। स्ट्राबेरी मून एक रात से अधिक समय तक दिखाई देगा। हाल ही के दिनों में कई खगोलीय घटनाएं देखने को मिली है। बीते दिनों सुपर मून, ब्लड मून, चंद्र ग्रहण और फिर रिंग ऑफ फायर यानि सूर्य ग्रहण दिखाई दिया था। अब 24 जून में स्ट्राबेरी मून भी बहुत खास होगा। हिंदू पंचांग के मुताबिक स्ट्राबेरी मून वसंत ऋतु की अंतिम पूर्णिमा और ग्रीष्म ऋतु की पहली पूर्णिमा का प्रतीक है। स्ट्राबेरी मून के बाद 24 जुलाई को बक मून और 22 अगस्त को स्टर्जजन मून दिखा देगा।