उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में अवैध शराब से सम्बन्धित घटनाओं को गम्भीरता से लेते हुए इस धंधे में लिप्त अभियुक्तों के विरूद्ध नियमानुसार सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये है।
राज्य के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने अपर पुलिस महानिदेशक, अभियोजन को आबकारी के मामलों की सूचना तीन दिन के भीतर शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये है। साथ ही प्रभावी पैरवी कर उक्त मामलो के निस्तारण व मुल्जिमों को कठोर सजा दिलवाने के भी निर्देश दिये है।
श्री अवस्थी ने यह निर्देश भी दिये है कि अवैध शराब से सम्बन्धित अभियुक्तों के विरूद्ध आबकारी अधिनियम की धारा 60(क) के सुसंगत प्रावधानों तथा गिरोहबन्द अधिनियम की सुसंगत धाराओ के तहत समुचित एवं कठोर अभियोजन कार्रवाई की जाय। उन्होंने ऐसे अभियोगों का विवरण, जिनमे उक्त धाराओं में एफआईआर दर्ज करायी गयी है, उन्हे शासन को उपलब्ध कराने तथा ई-प्रासीक्यूशन पोर्टल पर दर्ज कराने के निर्देश दिये है। साथ ही ई-प्राॅसीक्यूशन पोर्टल पर दर्ज व सीसीटीएनएस (क्राइम एण्ड क्रिमनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम) से प्राप्त ऐसे मामलों की निगरानी व गहन समीक्षा करने के भी निर्देश दिये है।
उप्र के 44 प्रमुख मार्गों के लिए 193 करोड़ 15 लाख की धनराशि अवमुक्त
गौरतलब है प्रदेश आबकारी (संशोधन) अधिनियम, 2017 जो 06 जनवरी 2018 को अधिसूचित हो चुका है, के अनुसार नई धारा-60 (क) के माध्यम से प्रावधान किया गया है कि किसी मादक पदार्थ को किसी अन्य पदार्थ या विजातीय द्रव्य से उसे अपायकर बनाते हुए उसका विक्रय करने अथवा उपलब्ध या प्रदान करने/करवाने वाले व्यक्तियों को, जिनके उक्त कृत्य से किसी मानव की मृत्यु हुई हो, वहां मृत्युदण्ड अथवा आजीवन कारावास तथा जहां किसी व्यक्ति को विकलांगता अथवा घोर उपहति हुई हो, तो न्यूनतम 06 वर्ष तथा अधिकतम 10 वर्ष तक के कठोर कारावास तथा जहाँ उक्त के परिणामस्वरूप व्यक्ति को उपहति अथवा परिणामिक हानि पहुँची हो, वहाँ न्यूनतम 01 वर्ष तथा अधिकतम 02 वर्ष तक के कारावास एवं जुर्माने से दण्ड का प्राविधान किया गया है।