गृहमंत्रालय ने जाकिर नाइक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर पांच साल का बैन और बढ़ा दिया है। नाइक के एनजीओ पर सबसे पहली बार नवम्बर 2016 में यूएपीए ( Unlawful Activities Prevention Act : UAPA) के तहत बैन लगाया गया था।
जाकिर नाइक पर भारत में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह भारत में वांछित है। उस पर आरोप है कि उसके भाषण विवादित थे, जो पीस टीवी पर दिखाये जाते थे। उसके एनजीओ IRF का दफ्तर मुंबई के डोंगरी में था।
सबसे पहले जाकिर नाइक का नाम तब पहली बार सामने आया था, जब 2016 में बांग्लादेश की राजधानी ढाका में विस्फोट हुए थे। इस घटना के बाद जो आतंकी गिरफ्तार हुए थे, उन्होंने बताया था कि वह जाकिर के भाषणों से प्रभावित हैं। ढाका में हुए इस ब्लास्ट में 22 लोग मारे गए थे।
इसके बाद भारत में जाकिर के खिलाफ मुंबई पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने मामले की जांच की थी। बाद में NIA ने मामले की इंवेस्टीगेशन की थी। शुरुआती जांच के बाद जाकिर और IRF पर बैन लगा दिया गया था। उस पर आरोप था कि वह अपने भाषणों से धर्मों के बीच विद्वेष फैला रहा है। वहीं उसके भाषण सुनकर मुस्लिम युवक आतंकी बन रहे हैं। तब एक रिपोर्ट भी सामने आई थी, जिसमें सामने आया था कि IRF ने 400-500 पुरुष और महिलाओं का धर्म परिवर्तन करवाया था।
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जाकिर नाइक के खिलाफ इसके बाद महाराष्ट्र और केरल में एफआईआर दर्ज हुईं थीं। वहीं जांच में ये भी सामने आया था कि कि IRF को विदेशों से भी फंड मिल रहा है। जाकिर के पाकिस्तान और यहां मौजूद आतंकी संगठनों से संबंध भी सामने आए थे। जाकिर नाइक इस समय मलेशिया में है और भारत सरकार उसे लाने की लगातार कोशिश कर रही है।