नई दिल्ली। कृषि से जुड़े विधेयकों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर संसद में विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच सरकार ने रबी फसलों के समर्थन मूल्य में जोरदार बढ़ोतरी की है। गेहूं, चना, सरसों, जौ और मसूर का समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है। MSP को लेकर विपक्ष की तरफ से कही गई तमाम बातों पर सरकार साफ कर चुकी है कि देश में न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था समाप्त नहीं होगी। MSP को लेकर अपने पक्ष को और मजबूत करते हुए सरकार ने सभी रबी फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने का ऐलान किया है।
10 साल पहले मर चुकी महिला से यूपी पुलिस को शांति भंग का खतरा, जाने पूरा मामला
रबी सीजन में सबसे ज्यादा पैदा होने वाले अनाज गेहूं के MSP में 50 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है और अब यह बढ़कर 1975 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। इसी तरह चने का समर्थन मूल्य 225 रुपए प्रति क्विंटल बढ़कर अब 5100 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है।
पिछले साल सरकार ने गेहूं के लिए 1925, चने के लिए 4875, जौ के लिए 1525, सरसों के लिए 4425 और मसूर के लिए 4800 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य घोषित किया हुआ था।
सरकार किसानों से जिस भी फसल की खरीद करती है वह सारी खरीद समर्थन मूल्य पर ही होती है। हाल ही में गेहूं की सरकारी खरीद पूरी हुई है और 1925 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर किसानों से 390 लाख टन गेहूं खरीदा गया है जो देश में पैदा हुए कुल गेहूं का एक तिहाई से ज्यादा है।
राजधानी स्पेशल एक्सप्रेस से अहमदाबाद आए यात्रियों में से 11 कोरोना पॉजिटिव
आम तौर पर किसानों से गेहूं और धान की खरीद ज्यादा होती रही है लेकिन मोदी सरकार के 6 वर्ष के कार्यकाल में दलहन और तिलहन की खरीद पर भी जोर दिया गया है। बीते रबी सीजन के दौरान ही देशभर में किसानों से 20 लाख टन से अधिक चना और 10 लाख टन से अधिक सरसों की खरीद हुई है। इसके अलावा खरीफ सीजन के अरहर की भी भारी मात्रा में खरीद की गई है।