Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

शेयर मार्केट में आई जोरदार तेजी, SENSEX ने भी लगाई ऊंची छलांग

Share Market

Share Market

मुंबई: देश की मजबूत बुनियादी आर्थिक स्थिति से उत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा लिवाली की बदौलत आज शेयर बाजार (Share Market) ने एक प्रतिशत से अधिक की छलांग लगाई।

बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 922.06 अंक अर्थात 1.14 प्रतिशत की तेजी के साथ 81,874.05 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 288.90 अंक यानी 1.17 प्रतिशत की उड़ान भरकर 24,898.60 अंक हो गया।

कारोबार की शुरुआत में सेंसेक्स 55 अंक उतरकर 80,897.00 अंक पर खुला और खबर लिखे जाने तक 80,897.00 अंक के निचले जबकि 81,905.17 अंक के उच्चतम स्तर पर रहा। इसी तरह निफ्टी भी 30 अंक फिसलकर 24,639.50 अंक पर खुला और 24,614.05 अंक के निचले जबकि 24,909.05 अंक के उच्चतम स्तर पर रहा।

विश्लेषकों के अनुसार, मार्च के निचले स्तरों से 14 प्रतिशत की गिरावट के बाद घरेलू शेयर बाजार (Share Market) फिलहाल नई दिशा तलाशने के संघर्ष में है। इस उतार-चढ़ाव के बीच विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। अब तक बाजार में तेजी को समर्थन देने वाली एफआईआई खरीददारी की रफ्तार थमती नजर आ रही है। खासकर इस महीने की 20 और 22 तारीख को हुई भारी बिकवाली यह संकेत देती है कि यदि वैश्विक माहौल प्रतिकूल रहा तो एफआईआई फिर से आक्रामक बिकवाली की ओर बढ़ सकते हैं।

विदेशी छात्रों को बड़ी राहत, ट्रंप के इस फैसले पर कोर्ट ने लगाई रोक

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंताएं बढ़ रही हैं। अमेरिका और जापान में बॉन्ड यील्ड में तेज उछाल से वैश्विक वित्तीय स्थिरता को लेकर चिंता बढ़ी है। विशेष रूप से अमेरिका में 30-वर्षीय बॉन्ड यील्ड 5.14 प्रतिशत और 10-वर्षीय यील्ड 4.52 प्रतिशत तक पहुंचने से अमेरिकी कर्ज के स्तर और इसके वैश्विक असर को लेकर बाजार में बेचैनी है।

वहीं, भारत की मजबूत बुनियादी आर्थिक स्थिति बाजार को सहारा देने का काम कर रही है। देश की अर्थव्यवस्था में लचीलापन, घटती मुद्रास्फीति और ब्याज दरों में स्थिरता जैसे संकेत निवेशकों को कुछ हद तक राहत दे रहे हैं। इसके अलावा, घरेलू मांग आधारित क्षेत्रों जैसे बैंकिंग, दूरसंचार और विमानन में स्थिरता देखने को मिल रही है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि बाजार में कमजोरी के बावजूद इन क्षेत्रों में मौजूद मजबूत कंपनियों जैसे कि आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल और इंटरग्लोब एविएशन (इंडिगो) के शेयर अपेक्षाकृत स्थिर बने हुए हैं। इससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि घरेलू मांग और मजबूत मैक्रोइकोनॉमिक फंडामेंटल के कारण भारतीय बाजार वैश्विक दबावों के बावजूद कुछ क्षेत्रों में लचीलापन बरकरार रख सकता है। फिलहाल निवेशकों की नजर अगले कुछ हफ्तों में वैश्विक संकेतों और एफआईआई गतिविधियों पर टिकी हुई है, जो बाजार की अगली चाल तय कर सकते हैं।

Exit mobile version