झांसी। Bundelkhand University में रैगिंग के विरोध में छात्रों के दो गुट आपस में भिड़ गए। हाथापाई से शुरू हुआ विवाद के बाद दोनों गुटों के बीच जमकर पत्थर चले। लाठी-डंडों से भी छात्रों ने एक-दूसरे पर हमला बोल दिया। इसमें कई छात्रों के सिर फट गए तो एक दर्जन से ज्यादा घायल हो गए। घटना से आक्रोशित जूनियर छात्रा सीनियर्स पर कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए।
बताया गया कि Bundelkhand University के लार्ड बुद्धा हॉस्टल के छात्रों ने जूनियर छात्रों को इंट्रोडक्शन (परिचय) देने के लिए मंगलवार को छात्रावास बुलाया था। जूनियर छात्रों ने हॉस्टल जाने से इनकार कर दिया। बुधवार को डिटोरियम में कार्यक्रम चल रहा था। जूनियर छात्रों का आरोप है कि सीनियर्स को इसकी जानकारी हुई कि परिचय देने न आने वाले छात्र इसी कार्यक्रम में हैं। करीब शाम पांच बजे लार्ड बुद्ध के सीनियर छात्र ऑडिटोरियम पहुंच गए। यहां पर जूनियर छात्रों के साथ मारपीट करने लगे। जूनियर छात्र के साथी भी मौके पर पहुंच गए। उनकी भी सीनियर्स के साथ मारपीट हो गई। फिर दोनों गुटों के छात्रों ने अपने-अपने साथियों को फोन कर दिया। सीनियर्स की तरफ से लॉर्ड बुद्धा हॉस्टल तो जूनियर छात्रों की तरफ से शिवाजी नगर स्थित निजी हॉस्टल के छात्र मौके पर पहुंचे। दोनों गुटों के छात्रों में जमकर मारपीट शुरू हो गई। छात्रों ने एक-दूसरे पर लाठी-डंडों से हमला बोल दिया।
इसके बाद छात्रों में एक-दूसरे पर पथराव शुरू कर दिया। लड़ते-लड़ते छात्र बीयू के मुख्य द्वार पर पहुंच गए। यहां पर पथराव होने से कई राहगीर बाइक से गिरकर चोटिल हो गए। कइयों की कार के शीशे भी टूट गए। पथराव में बीटेक के छात्र अंकित, जासिम समेत कई छात्रों के सिर फट गए। वहीं, अमन समेत एक दर्जन से अधिक छात्र घायल हो गए। घायल छात्रों का मेडिकल कॉलेज में इलाज कराया गया।
वहीं, घटना से आक्रोशित सौ से अधिक जूनियर छात्र शाम साढ़े छह बजे बीयू के मेन गेट पर धरने पर बैठ गए। विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ भी छात्रों ने जमकर नारेबाजी की। छात्र कुलपति के आवास भी पहुंच गए। मगर वीसी लखनऊ में थे, इसलिए छात्र वापस लौटकर मुख्य द्वार पर पहुंच गए। सूचना पर मौके पर एसपी सिटी समेत पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई। उन्होंने छात्रों को कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराया, तब जाकर छात्रों ने धरना खत्म किया।
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धरने पर बैठे छात्रों ने आरोप लगाया कि लार्ड बुद्ध हॉस्टल में बाहरी और पास आउट छात्र भी रहते हैं। इनमें कुछ छात्रों पर मुकदमा भी है। मगर हॉस्टल के जिम्मेदार लोग इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। यहां तक कि बीयू प्रशासन के अधिकारियों ने भी कभी हॉस्टल जाकर निरीक्षण नहीं किया। इसीलिए वो इन बातों से बेखबर हैं।