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विद्यार्थी फूल की तरह गुणवान होने के साथ-साथ विनम्र बनें : आनंदीबेन

Anandiben

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उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विद्यार्थी संस्कृति के अनुरूप अपने व्यक्तित्व और चरित्र का निर्माण करें, यहीं वास्तविक शिक्षा है।

श्रीमती पटेल मंगलवार को यहां वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 24वें दीक्षांत समारोह में अपने विचार व्यक्त्त कर रहीं थीं । उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति- 2020 राष्ट्रीय चरित्र और व्यक्तित्व निर्माण के साथ देश को उन्नत राष्ट्र की श्रेणी में खड़ी करने में सहायक होगी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी फूल की तरह गुणवान होने के साथ-साथ विनम्र बनें।

उन्होंने बाल विवाह पर सख्ती दिखाते हुए कहा कि इसका विरोध घर के सदस्यों से ही शुरू हो और ऐसे समारोह में न शामिल हों न लोगों को शामिल होने दें। उन्होंने कहा कि कुपोषित बच्चे बाल विवाह की देन हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के शिक्षक टीबी मुक्त समाज के लिए आगे आएं। एक शिक्षक एक बच्चे को गोद ले, तभी टीबी का समूल नाश होगा। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों के मदद पर भी जोर दिया।

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राज्यपाल ने महिलाओं के अत्याचार और हिंसा पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि महिला मां है, बहन है, पत्नी है, भाभी है, वह ही वंश को आगे बढ़ाती है। उन्होंने समाज में परिवर्तन के लिए महिलाओं से अपनी सोच बदलने को भी कहा।

दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी के कुलाधिपति प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक प्रो० पंजाब सिंह के कहा कि न्यू इंडिया के स्लोगन के साथ भारत एक बार पुनः अपनी खोई हुई ताकत को प्राप्त करना चाहता है। उन्होंने कहा कि विश्व गुरु बनने के लिए भारत को नए सिरे से जी-तोड़ मेहनत करनी होगी। इसके के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और उद्योग के क्षेत्र में क्रन्तिकारी सुधार लाने होंगे। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-देश के युवाओं में उड़ान भरने के लिए पंख लगाने और पुराने गौरव को पाने का एक प्रयास है।

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