लखनऊ। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Subhaspa) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को पार्टी पदाधिकारियों ने गहरा झटका दिया है। शनिवार को पार्टी के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता निषाद पार्टी (Nishad Party) में शामिल हो गए। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश सरकार में मत्स्य मंत्री डॉ संजय निषाद ने विक्रमादित्य मार्ग स्थित सरकारी आवास पर सुभासपा छोड़कर आए पदाधिकारियों को अपने दल की सदस्यता दिलाई।
निषाद पार्टी (Nishad Party) अध्यक्ष ने कहा कि सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर पार्टी की नीति और सिद्धान्तों से भटक गए हैं। उन्होंने कहा कि एक निजी यूट्यूब चैनल पर ओमप्रकाश राजभर के सुपुत्र अरुण राजभर द्वारा कश्यप समाज को भिखमंगा कहकर बार-बार संबोधन से कश्यप, निषाद, केवट, मल्लाह, बिंद समेत अन्य सभी जातियां आहत हुई हैं। डॉ संजय निषाद ने कहा कि निषाद पार्टी के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं, समाज में द्वेषता फैलाने वालों को जनता 2024 में सबक जरूर सिखाएगी।
रमाकांत कश्यप ने कहा कि वो और उनके साथी बीते कई दिनों से लगातार सुभासपा प्रमुख से देश की महान विभूतियों पर की जा रही टिप्पणी को रोकने और सामाजिक समरसता को आगे बढ़ाने की मांग करते आ रहे हैं। किंतु सामाजिक समरसता तो दूर की बात है हमारे समाज में जन्मे ऋषि-मुनियों को गाली देने की परम्परा शुरू कर दी है।
अरुण राजभर को समझना होगा की महार्षि कश्यप एक वैदिक ऋषि थे। वह सप्त ऋषियों में से एक ऋषि हैं महर्षि कश्यप और हम उनके वंशज होने के नाते हम अपने कुल का अपमान व अपमानित करने वालों के साथ एक पल साथ भी नहीं रह सकते। इसी के चलते हम सब आज सामूहिक इस्तीफा दे रहे हैं।
इन्होंने ली निषाद पार्टी (Nishad Party) की सदस्यता
निषाद पार्टी सुप्रीमो की मौजूदगी में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के रमाकांत कश्यप (राष्ट्रीय सचिव, सुभासपा), सीपी निषाद (प्रदेश उपाध्यक्ष, सुभासपा), विवेक शर्मा (प्रदेश महासचिव, सुभासपा) के साथ रविन्द्र यादव (प्रदेश उपाध्यक्ष पश्चिमी उप्र), सहदेव प्रजापति (मंडल कोऑर्डिनेटर, कानपुर मंडल), सूरज कश्यप (जिला युवा मंच अध्यक्ष, औरैया), अंशु कठेरिया (मंडल संगठन मंत्री), रामकान्ति (मंडल उपाध्यक्ष), सुमन कुमारी (जिलाध्यक्ष औरैया), प्रेम देवी (जिला अध्यक्ष, कानपुर देहात), उषा देवी (जिला उपाध्यक्ष औरैया), राजेश कुमार (जिला उपाध्यक्ष कानपुर देहात) समेत कई कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने सुभासपा प्रमुख और बेटे के समाज बांटने वाले बायन से आहत होकर इस्तीफा देकर निषाद पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।