नवनियुक्त केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल ने बुधवार को अपना कार्यभार संभाल लिया। इससे पहले वह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के प्रमुख के तौर पर कार्यरत थे।
महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस प्रमुख सुबोध कुमार जायसवाल अगले 2 वर्ष तक इस पद पर रहेंगे। केन्द्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने मंगलवार को उनके नाम की घोषणा की थी। फरवरी में ऋषि कुमार शुक्ला के अपने कार्यकाल को पूरा करने के बाद यह पद रिक्त था। वर्तमान में अतिरिक्त निदेशक प्रवीण सिन्हा जांच एजेंसी का अंतरिम कार्यभार संभाल रहे थे।
उल्लेखनीय है कि सीबीआई के निदेशक का चयन प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की सहमति या बहुमत से होता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी.रमना और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी के सामने अंतिम रूप से तीन नाम थे। जिनमें से दो नाम खारिज हो गए और सुबोध कुमार जायसवाल के नाम पर सबकी सहमति बनी। उनके द्वारा लिए गए निर्णय को मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति अंतिम रूप देती है।
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सुबोध कुमार जायसवाल 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और महाराष्ट्र कॉडर से आते हैं। जायसवाल कैबिनेट सचिवालय में अतिरिक्त सचिव भी रह चुके हैं।
सुबोध जायसवाल को फरवरी 2019 में महाराष्ट्र का पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया गया था। उन्हें मुंबई के पुलिस आयुक्त से इस पद पर पदोन्नत किया गया था। उन्हें दिसंबर 2020 में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल का प्रमुख बनाया गया था। जासूसों के मास्टर कहे जाने वाले जायसवाल ने भारत की विदेश जासूसी सेवा ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग’ (रॉ) में भी 9 सालों तक अपनी सेवाएं दी हैं।
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अपनी सेवा के दौरान जायसवाल कई करोड़ों के जाली स्टांप पेपर घोटाले के लिए बने विशेष जांच दल के प्रमुख भी रहे। एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड में वह डीआईजी रह चुके हैं। 2006 के मालेगांव विस्फोट मामले की भी जांच जायसवाल ने की थी।