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इस तरह के लोग होते है सांप से भी ज्यादा खतरनाक, करें जिंदगी से दूर

लोकप्रिय शिक्षक व विद्वान आचार्य चाणक्य ने अपनी किताब चाणक्य नीति में कुछ ऐसे लोगों का भी जिक्र किया है, जो आपको बर्बादी के रास्ते ले जाते हैं। आचार्य चाणक्य ने एक श्लोक के जरिये बताया है कि मनुष्य को किस तरह के लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। चाणक्य की मानें तो इस तरह के लोग सांप से भी ज्यादा खतरनाक होते हैं। अगर इन लोगों से दूरी बनाकर न रखी जाए तो मनुष्य जरूर बर्बाद होकर रहता है।

श्लोक कुछ इस प्रकार है:

दुराचारी च दुर्दृष्टिर्दुरावासी च दुर्जनः।

यन्मैत्री क्रियते पुम्भिर्नरः शीघ्रं विनश्यति।।

आचार्य चाणक्य के मुताबिक मनुष्य को ऐसे व्यक्ति से दूर रहना चाहिए जो दूसरों के साथ दुराचार करता हो या फिर दूसरों को नुकसान पहुंचाने की भावना रखता हो। इस तरह के व्यक्ति से मित्रता रखने पर अच्छा-खासा इंसान भी शीघ्र नष्ट हो जाता है। बेवजह लोगों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों से हमेशा दूरी बनाकर रखनी चाहिए। ऐसा इंसान आपको भी नुकसान पहुंचा सकता है।

चाणक्य की मानें तो ऐसे व्यक्ति के साथ रहने वाले लोगों पर भी उसकी बुरी संगत्ति का असर देखने को मिलता है। विद्वान के मुताबिक यदि कोई ऐसे व्यक्तित्व वाला है तो उसके दोस्तों के बारे में पता करना चाहिए। चाणक्य ने लिखा है कि ऊपर बताये गए अवगुणों वाले लोगों से जिस किसी की भी दोस्ती है, उसके यश और सम्मान में हमेशा गिरावट ही आती है।

भले ही दुष्ट व्यक्ति बहुत ज्ञानी हो, फिर भी उससे दूसरी बनाए रखनी चाहिए, क्योंकि मणि से अलंकृत होने के बावजूद सांप खतरनाक ही होता है। यही कारण है कि दुष्ट व्यक्ति से सभी को बचकर रहना चाहिए। जो लोग चाणक्य की बातों का अमल अपनी जिंदगी में करते हैं, वे सफलता की उंचाइयों को छूकर ही रहते हैं। वे सफलता के साथ व्यवहारिक ज्ञान भी हासिल करते हैं।

तो जिन चार लोगों से चाणक्य ने दूर रहने की सलाह दी है, वे हैं- दुराचारी लोग, दुष्ट स्वभाव वाले लोग, बिना किसी कारण दूसरों को नुकसान पहुंचाने वाले लोग और दुष्ट व्यक्ति से मित्रता रखने वाले लोग। इन लोगों से मित्रता रखकर आप अपनी बर्बादी को न्योता देते हैं, जिसका पता आपको भविष्य में चलता है।

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