चंद्रमा मन का कारक है। ज्योतिष में चंद्रमा को इंसान के सबसे करीब माना गया है। जिस तरह चंद्रमा कुंडली में व्यक्ति का भाग्य तय करता है उसी तरह हाथ में चद्रमा की स्थिति भी व्यक्ति के जीवन के बारे में बहुत कुछ स्पष्ट करता है।
हथेली में चंद्रमा शुक्र ग्रह के ठीक उल्टी तरफ होता है। ज्योतिष विज्ञान में चंद्रमा को सुंदरता एवं भावना का ग्रह भी माना गया है। यदि किसी व्यक्ति की हथेली में चंद्र पर्वत विकसित है तो वह बेहद भावुक एवं कल्पनाशील होता है। विकसित चंद्रमा वाले लोग प्रकृति प्रेमी, सौंदर्यप्रिय और सपनों की दुनिया में विचरण करने वाले हाते हैं।
ऐसे लोग हमेशा सपनों में रहते हैं। ऐसे लोगों में जीवन में कठिनाइयां झेलने की क्षमता नहीं होती। ऐसे जातक एकांत पसन्द करते हैं। मुख्यत: ऐसे व्यक्ति वाचक, कलाकार, संगीतज्ञ और साहित्यकार होते हैं।
ऐसे व्यक्ति किसी के गुलाम होकर कार्य नहीं करते। यदि चंद्र पर्वत सामान्य रूप में ही विकसित हो तो जातक हद से ज्यादा भावुक हो जाते हैं। छोटी-छोटी बातें ऐसे लोगों को झकझोर देती है। इनके अंदर किसी भी स्थिति का सामना करने का साहस नहीं होता।
ये लोग निराश होकर जल्दी पलायन कर जाते हैं। यदि चंद्र पर्वत का झुकाव शुक्र पर्वत की ओर हो तो जातक कामुक प्रवृत्ति का होता है। यदि चंद्र पर्वत पर आड़ी-टेड़ी रेखाएं हों तो जातक अपने जीवन में जल यात्रा करता है।