नई दिल्ली। सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक और भारतीय समाज सुधारक बिंदेश्वर पाठक (Bindeshwar Pathak ) अब नहीं रहे। नई दिल्ली स्थित एम्स में बिंदेश्वर पाठक ने अंतिम सांस ली। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुलभ इंटरनेशनल के केंद्रीय कार्यालय में में झंडोत्तोलन के बाद 80 वर्षीय बिंदेश्वर पाठक की अचानक तबीयत बिगड़ गयी थी। जिसके बाद उन्हें एम्स में भर्ती करवाया गया था।
वर्ष 1970 में सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन की स्थापना करने वाले बिंदेश्वर पाठक (Bindeshwar Pathak ) की गिनती बड़े भारतीय समाज सुधारकों में होती है। बिंदेश्वर पाठक का संगठन सुलभ इंटरनेशनल (Sulabh International), मानव अधिकारों (Human Rights), पर्यावरण स्वच्छता (Environmental Sanitation), ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों (Non-Conventional Sources of Energy), अपशिष्ट प्रबंधन और सामाजिक सुधारों को बढ़ावा देने के लिए काम करता है।
उन्होंने सुलभ शौचालयों को किण्वन संयंत्रों से जोड़कर बायोगैस निर्माण (Biogas Production) का अभिनव उपयोग किया, जिसे उन्होंने तीन दशक पहले डिजाइन किया था।
एशियन गेम्स से पहले भारत को बड़ा झटका, स्टार पहलवान हुआ खेल से हुआ बाहर
अब दुनिया भर के विकासशील देशों में स्वच्छता के लिए एक पर्याय बन रहे हैं। पाठक (Bindeshwar Pathak ) के अग्रणी काम, विशेष रूप से स्वच्छता और स्वच्छता के क्षेत्र में, उन्हें विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं।