दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर मौत मामले में शशि थरूर के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर सुनवाई टाल दी है। इस मामले पर अब 19 मई को सुनवाई होगी। पिछले 12 अप्रैल को स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने का आदेश दिया था।
इस मामले के आरोपित एवं कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पिछले 26 मार्च को कहा था कि जब खुदकुशी का आरोप स्थापित ही नहीं होता है तो उकसाने का आरोप लगाने का कोई मतलब नहीं है।
शशि थरूर की ओर से वकील विकास पाहवा ने इस मामले में शशि थरूर को बरी करने की मांग करते हुए कहा था कि शशि थरूर ने सुनंदा पुष्कर को मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया था।
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सुनंदा पुष्कर के रिश्तेदारों के बयान से ये साफ है कि वो खुदकुशी नहीं कर सकती हैं। रिश्तेदारों ने शशि थरुर पर कोई आरोप नहीं लगाया है। अभियोजन पक्ष केवल ये कह रहा है कि शशि थरूर के विवाहेत्तर संबंध थे। इस मामले में 14 मई 2018 को दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था।
आरोप पत्र में शशि थरूर को भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए और 306 के तहत आरोपित बनाया गया है। आरोप पत्र में कहा गया है कि सुनंदा पुष्कर की मौत शशि थरूर से शादी के 3 साल, 3 महीने और 15 दिनों में हो गई थी।
दोनों की शादी 22 अगस्त 2010 को हुई थी। एक जनवरी 2015 को दिल्ली पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज की थी।