सुसुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के सुपरटेक एमरल्ड कोर्ट में चालीस मंज़िल के दो अवैध टावरों को गिराने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश बरकरार रखा है।
कोर्ट ने कहा है कि तीन महीने में निर्माण हटाया जाए। कोर्ट ने कहा है कि फ्लैट खरीददारों को दो महीने में पैसा वापस दिया जाए। कोर्ट ने कहा कि फ्लैट खरीददारों को 12 फीसदी सालाना ब्याज के साथ पैसे लौटाए जाएं।
कोर्ट ने कहा कि निर्माण गिराने का खर्च सुपरटेक वहन करेगा। कोर्ट ने कहा कि इस अवैध निर्माण में बिल्डर और अधिकारियों की मिलीभगत है।
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बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों टावरों को अवैध घोषित कर गिराने के आदेश दिए थे, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी और टावर को सील करने के आदेश दिए थे।