उत्तर प्रदेश में जारी पंचायत चुनाव को लेकर प्रत्याशियों में खासा उत्साह है। उत्साह इतना कि लॉकडाउन के बावजूद प्रत्याशी सड़कों पर जुलूस निकाल रहे हैं। ऐसा ही मामले चंदौली जिले के एक गांव में सामने आया है। यहां पंचायत चुनाव में जुलूस निकाल रहे प्रत्य़ाशी को रोकने के लिए पुलिस जब मौके पर पहुंची तो उसके समर्थकों ने पुलिस पर पथराव कर दिया।
बताया जाता है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रचार के जुलूस निकालने के दौरान पुलिस की गाड़ी से प्रधान प्रत्याशी के पति के घायल होने के बाद ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त हो गया और आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस की गाड़ियों पर पथराव कर दिया। इस दौरान कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। सभी घायलों का उपचार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कराया गया। वहीं घटना के बाद पुलिस मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई में जुट गई है।
दरअसल पूरा मामला शहाबगंज थाना क्षेत्र के विशुनपुरा गांव का है। जहां ग्रामीणों द्वारा शनिवार की शाम पंचायत चुनाव को लेकर जुलूस निकाला जा रहा था। जिसकी सूचना मिलने पर शहाबगंज थाना प्रभारी वंदना सिंह पुलिस और पीएसी के साथ मौके पर पहुंच गईं। एसओ शहाबगंज की गाड़ी से प्रधान पद के प्रत्याशी के पति विजय को चोट लग गई। जिससे उनका पैर फैक्चर हो गया।
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इसके साथ ही पास ही में खड़े दो अन्य लोगों को भी मामूली चोटें आईं। घटना के बाद ग्रामीणों द्वारा पुलिस का विरोध किया गया, तो पुलिस ने ग्रामीणों पर लाठीचार्ज कर दिया। इसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस और पीएसी पर जमकर पथराव किया। ग्रामीणों का आक्रोश देखकर पुलिस को अंत में पीछे हटना पड़ा।
ग्रामीणों की ओर से किए गए पथराव में पुलिस की गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। जबकि कई पुलिसकर्मियों को चोट आई है। हालांकि लोगों के बीच बचाव के बाद मामला शांत हुआ। इसके बाद पुलिस द्वारा घायलों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। जहां गंभीर रूप से घायलों को जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया।
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इस पूरे घटनाक्रम में ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने जानबूझकर प्रधान प्रत्याशी के पति को टक्कर मारी, और विरोध करने पर ग्रामीणों पर लाठियां बरसाने लगी। अगर पहले ही पुलिस शालीनता से मामले को संभालती तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती। आरोप है कि थाना प्रभारी वंदना सिंह का विपक्षी प्रत्यासी से संबंध है। जिसके चलते उन्होंने ऐसी स्थिति उत्पन्न की।