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श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में हिंदू पक्ष को झटका, SC ने सर्वे पर लगाई रोक

Sri Krishna Janmabhoomi-Shahi Eidgah

Sri Krishna Janmabhoomi-Shahi Eidgah

नई दिल्ली। मथुरा कृष्णजन्मभूमि मामले में हिंदू पक्ष को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने शाही ईदगाह (Shahi Eidgah) के सर्वेक्षण पर रोक लगा दी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सर्वेक्षण के लिए एडवोटेक कमिश्नर नियुक्त करने का आदेश दिया था, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले पर रोक लगा दी है। हालांकि, कोर्ट ने कहा है कि अदालत मामले की सुनवाई जारी रखे। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी की तरफ से दायर की गई एक विशेष अनुमति याचिका (Special Leave Petition) पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के 14 दिसंबर के आदेश पर रोक लगा दी।

इस तर्क पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया अंतरिम आदेश

गौरतलब है कि अपने आदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक एडवोकेट कमिश्नर (कोर्ट कमिश्नर) नियुक्त करने का आदेश दिया था। इस एडवोकेट कमिश्नर को मस्जिद परिसर (Shahi Eidgah) का सर्वे करना था। मस्जिद कमेटी की तरफ से वकील तसनीम अहमदी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुईं। वकील ने तर्क दिया कि जब पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के तहत मथुरा मामले को खारिज करने की याचिका अभी तक लंबित है, ऐसे में हाईकोर्ट सर्वे का आदेश नहीं दे सकता। इस पर सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने तर्क को सही माना और हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्ष को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि इस मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई जारी रहेगी।

क्या है श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद (SriKrishna Janmabhoomi-Shahi Eidgah Dispute)

यह पूरा विवाद 13.37 एकड़ जमीन को लेकर है। हिंदू पक्ष का दावा है कि मथुरा के कटरा केशव देव इलाके में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। उस जगह पर मंदिर बना था। कई हिंदुओं का दावा है कि मुगल काल में औरंगजेब के शासन में मंदिर के एक हिस्से को तोड़कर उस पर मस्जिद बनाई गई, जिसे ईदगाह मस्जिद के नाम से जाना जाता है।

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हालांकि मुसलमान पक्ष मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की बात से इनकार करता है। साल 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और ट्रस्ट शाही ईदगाह मस्जिद के बीच एक समझौता हुआ, जिसके तहत जमीन को दो हिस्सों में बांट दिया गया था। जिसमें एक हिस्से पर मंदिर और दूसरे पर मस्जिद मौजूद है। हालांकि हिंदू पक्ष उस समझौते को अवैध बताकर खारिज कर रहा है और पूरी जमीन पर दावा कर रहा है

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