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सुप्रीम कोर्ट ने घर खरीदारों को दिये चार अधिकार

Desk by Desk
04/11/2020
in ख़ास खबर, राष्ट्रीय
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सुप्रीम कोर्ट Supreme Court

Supreme Court

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नई दिल्ली| सुप्रीम कोर्ट ने घर खरीदारों को और सशक्त कर दिया है। अब उनके पास बिल्डरों कि धोखाधड़ी से निपटने के चार हथियार है। खास बात यह है कि चारों हथियार एक साथ इस्तेमाल कर सकते हैं। पहला रेरा, दूसरा उपभोक्ता अदालत, तीसरा दिवालिया संहिता और चौथा रिट कोर्ट का क्षेत्राधिकार।

सोमवार को दिए फैसले में जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने साफ कर दिया है कि रियल स्टेट रेगुलेशन एक्ट रेरा फ्लैट खरीदार को उपभोक्ता अदालत में जाने से नहीं रोकता। कोर्ट ने बिल्डर बायर एक्ट में लिखी शर्तों को भी नहीं माना और कहा कि उपभोक्ता संरक्षण कानून के प्रावधान रेरा कानून के अनुषंगी हैं, उसमे इस कोई प्रतिबंध नहीं है कि रेरा अनुबंध होने के बाद खरीदार फ्लैट प्राप्त करने के लिए उपभोक्ता अदालत नहीं जा सकता।

जीएसटी कर्ज का स्तर उचित रखने की जरूरत

कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह से दिवालिया संहिता कानून की धारा 7,9 के तहत फ्लैट देने में विफल रहने पर बायर दिवालिया घोषित करने के लिए एनसीएलटी जा सकता है। हालांकि, इस में संशोधन किया गया है। अब इन प्रावधानों का सहारा लेने लिए 100 बायर होने चाहिए या उसका कुल डिफॉल्ट एक करोड़ रुपये होना चाहिए।

केंद्र सरकार द्वारा लोक डॉउन के दौरान किया गए इन संशोधनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और सर्वोच्च अदालत इन प्रावधानो की वैधानिकता की जांच कर रही है। चौथा हथियार रिट कोर्ट है जो बिल्डर को आदेश दे सकता है कि वह बायर को फ्लैट की डिलीवरी दे। अमरोली और यूनिटेक के मामले उस क्षेत्राधिकार के ताजा उदाहरण हैं। सैकड़ों फ्लैट बायरो की तकलीफों को देख कोर्ट ने सख्त कारवाई करते हुए दोनों बिल्डरों को जेल भी भेज दिया था।

Tags: "Rights of Supreme CourtHome Buyershomebuyersघर खरीदारोंसुप्रीम कोर्टहोमबायर्स के अधिकार
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