रामपुर (मुजाहिद ख़ान)। 15 महीने से सीतापुर जेल में बन्द सपा सांसद आज़म खान और उनके बेटे अब्दुल्लाह आज़म के हाई कोर्ट से पैन कार्ड और पासपोर्ट मामले में रद्द हुई ज़मानत की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह में जवाब मांगा है।
सपा के कद्दावर नेता और सपा सांसद आज़म खान पर 80 से ज़्यादा मुक़दमे उनके बेटे अब्दुल्लाह आज़म पर तीन दर्जन से ज़्यादा और उनकी पत्नी शहर विधायक डॉ तंज़ीन फातिमा पर भी तीन दर्जन से ज़्यादा मुक़दमे दर्ज हुए थे। जिसमें चंद मामलों को छोड़ सभी में ज़्यादातर ज़मानते मंज़ूर हो गयी हैं।
जबकि डॉ तंज़ीन फातिमा को 10 महीने जेल में रहने के बाद ज़मानते होने पर जेल से रिहाई मिल चुकी है लेकिन आज़म खान और अब्दुल्लाह आज़म 15 महीने से सीतापुर जेल में बन्द हैं। वहीं पैन कार्ड और पासपोर्ट मामले में आज़म खान और अब्दुल्लाह आज़म की इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत कैंसिल हो गई थी जिसके लिए सुप्रीमकोर्ट में याचिका लगाई गई थी जिस पर गुरुवार 6 मई को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह में जवाब मांगा है।
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जिस पर आज़म खान पक्ष की पैरवी कर रहे सुप्रीम कोर्ट के वकील ज़ुबैर अहमद ख़ान ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज़म खान और अब्दुल्लाह आज़म खान की पैनकार्ड और पासपोर्ट मामले की जो ज़मानत ख़ारिज की थी उसके ख़िलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद नोटिस जारी कर दिया है और सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा है।