नई दिल्ली। सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने को लेकर चर्चा में रहीं केरल की महिला कार्यकर्ता रेहाना फातिमा की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। जस्टिस अरुण मिश्रा ने जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि उनकी तस्वीर अश्लीलता फैला रही है। ऐसी तस्वीरों से बढ़ते बच्चों में देश की संस्कृति का क्या प्रभाव पड़ेगा?
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बता दें कि रेहाना फातिमा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। रेहाना ने अग्रिम जमानत की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट से कुछ विवादित सवालों के जवाब भी मांगे हैं। मिली जानकारी के अनुसार रेहाना फातिमा ने अपना एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था जिसमें उसके दो नाबालिग बच्चों (एक लड़का और एक लड़की) को उनके अर्द्ध नग्न शरीर पर पेंटिंग करते हुए दिखाया गया था।
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इस वीडियो को देखने के बाद कोच्चि पुलिस के साइबर डोम ने पिछले महीने फातिमा के खिलाफ एक मामला दर्ज किया। उस पर बाल यौन अपराध संरक्षण कानून, 2012 (पोक्सो कानून), सूचना प्रौद्योगिकी कानून, 2000 और बाल अपराध न्याय कानून, 2015 की विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय अपराधों का आरोप लगाया गया। केरल राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी महिला के खिलाफ पोक्सो कानून की विभिन्न धाराओं में पुलिस को मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था।