नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की संविधान पीठ ने सोमवार (18 मार्च) को इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) के यूनिक नंबर का खुलासा करने को लेकर सुनवाई करते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा, ‘उसने एसबीआई से सभी विवरण का खुलासा करने को कहा था और इसमें चुनावी बांड नंबर भी शामिल थे।’ कोर्ट ने यह भी कहा कि एसबीआई (SBI) को विवरण का खुलासा करने में चयनात्मक नहीं होना चाहिए।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एसबीआई को यूनिक नंबर का खुलासा करना चाहिए, क्योंकि वह ऐसा करने के लिए बाध्य है. यूनिक नंबर के जरिए ये पता चला सकता है कि किस राजनीतिक दल को चंदा दिया गया और चंदा देने वाला शख्स/कंपनी कौन थी।
सोमवार को सुनवायी के दौरान एसबीआई (SBI) की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अगर इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) के नंबर देने होंगे तो हम देंगे। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह एसबीआई से चुनावी बॉन्ड नंबरों का खुलासा करने के लिए कहेगा और साथ ही एक हलफनामा दायर कर यह भी बताएगा कि उसने कोई जानकारी नहीं छिपाई है।
चुनावी बॉन्ड (Electoral Bond ) पर सभी जानकारी का खुलासा हो
इस दौरान SBI की तरफ से पेश हुए सीनियर वकील हरीश साल्वे ने कहा कि कृपया उन्हें यह समझाने का मौका दिया जाए कि उन्होंने आदेश को कैसे समझा है। इस पर सीजेआई ने कहा कि हम चाहते हैं कि चुनावी बांड से संबंधित सभी जानकारी का खुलासा किया जाए। जो भी जानकारी आपके पास है, सबका खुलासा हो।
2019 के पहले का डाटा भी किया गया जारी!
बता दें कि चुनाव आयोग ने हाल ही में राजनीतिक दलों द्वारा सीलबंद कवर के तहत जमा किए गए चुनावी बांड (Electoral Bond ) के विवरण को सार्वजनिक कर दिया।
Electoral Bond Scam: बॉन्ड नंबर का खुलासा करें SBI, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश
माना जा रहा है कि विवरण 12 अप्रैल, 2019 से पहले की अवधि से संबंधित हैं। इस तारीख के बाद के चुनावी बांड विवरण पिछले सप्ताह चुनाव पैनल द्वारा सार्वजनिक किए गए थे। चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा था कि राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट के 12 अप्रैल, 2019 के अंतरिम आदेश के निर्देशानुसार, सीलबंद कवर में चुनावी बांड का डेटा दाखिल किया था।