नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के राजकोट स्थित एक कोविड अस्पताल में आग लगने की घटना का स्वत: संज्ञान लिया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार और गुजरात सरकार से शुक्रवार को जवाब तलब किया है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की खंडपीठ ने कोविड से संबंधित मामलों की सुनवाई करते हुए राजकोट की घटना का स्वत: संज्ञान लिया। न्यायमूर्ति भूषण ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह हतप्रभ करने वाली घटना है। यह कोई पहली घटना नहीं है। हम इस घटना का स्वत: संज्ञान ले रहे हैं।
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खंडपीठ ने कहा कि कोविड अस्पतालों में आग की घटना बार-बार हो रही है। इससे यह स्पष्ट है कि अस्पतालों में आग लगने की घटनाओं पर रोक लगाने और इनसे निपटने के लिए उचित उपाय नहीं किये जा सके हैं।
न्यायालय ने इसके साथ ही केंद्र सरकार से अगले मंगलवार तक अस्पतालों में आग की घटनाओं पर काबू के लिए उठाये गये कदमों को रिकॉर्ड में लाने का निर्देश दिया। खंडपीठ ने गुजरात सरकार से भी रिपोर्ट तलब किया है।
कोर्ट ने देशभर में कोरोना के हालात को लेकर नाराजगी जताई है। साथ ही सख्त शब्दों में कहा कि जुलूस निकाले जा रहे हैं। 80 फीसदी लोगों ने मास्क नहीं पहने हैं। बाकियों के जबड़े पर मास्क लटका हुआ है। एसओपी और दिशा निर्देश हैं लेकिन इनके पालन की कोई इच्छा शक्ति नहीं है।
"Processions are being taken out & 80 per cent people aren't wearing masks. Rest have masks hanging on to their jaw. There are SOPs & guidelines but there's no will," says Supreme Court as it expresses anguish over death of 5 patients due to a fire at a COVID19 hospital in Rajkot
— ANI (@ANI) November 27, 2020
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि केंद्रीय गृह सचिव शनिवार को पूरे भारत के सरकारी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा उपायों को लेकर बैठक करेंगे। इससे संबंधित निर्देश जारी करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत में कोविड-19 के प्रभाव को रोकने के लिए नीति, दिशा निर्देशों और एसओपी को लागू करने के लिए सख्त उपाय किए गए हैं। केंद्र ने कहा कि देश में चल रही कोविड-19 की लहर पहले की तुलना में तेज है। वर्तमान में 77 प्रतिशत पॉजिटिव मामले 10 राज्यों से सामने आ रहे हैं।
कोर्ट ने कहा कि राजनीति से ऊपर उठें राज्य
इस पर कोर्ट ने कहा कि महामारी से बचाव के सख्त उपायों के पालन की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना महामारी की स्थिति से निपटने के लिए राज्यों को इस मौके पर साथ आना होगा और राजनीति से ऊपर उठना होगा। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 1 दिसंबर को तय की है।