श्राद्ध पक्ष के दौरान सर्वपितृ अमावस्या (Sarvapitra Amavasya) का विशेष महत्व है, लेकिन इस साल सर्वपितृ अमावस्या का महत्व इसलिए भी बढ़ गया है, क्योंकि 14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) भी लगने वाला है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर सूर्य ग्रहण लगेगा।
पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) काल भारत में रात के समय में है, इसलिए तर्पण में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आएगी। ऐसे में साधन अपने निर्धारित समय पर पितरों के लिए तर्पण कर सकते हैं। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, सर्वपितृ अमावस्या पर लगने वाला ग्रहण इन राशियों के लिए बाधा खड़ी कर सकता है।
इन 5 राशि के लोगों को रहना होगा सावधान
हिंदू पंचांग के मुताबिक, अश्विन माह की अमावस्या तिथि 13 अक्टूबर को रात 9.50 मिनट से शुरू होगी और 14 अक्टूबर को रात 11.24 मिनट पर खत्म होगी। उदया तिथि के अनुसार, सर्वपितृ अमावस्या 14 अक्टूबर को मनाई जाएगी। पंचांग के मुताबिक, सूर्य कन्या राशि में विराजमान हैं।
सूर्य देव वृश्चिक राशि के आय भाव, धनु राशि के कारोबार भाव, मकर राशि के भाग्य भाव और सिंह राशि के धन भाव को प्रभावित कर रहे हैं। ऐसे में सिंह राशि, कन्या राशि, वृश्चिक राशि, धनु राशि और मकर राशि के जातकों को सूर्य ग्रहण के दौरान अलर्ट रहने की जरूरत है। आर्थिक मामलों में निवेश करते समय सावधानी बरतें। किसी भी शुभ कार्य को करने से बचें।
सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) का समय
हिंदू पंचांग के अनुसार, सर्वपितृ अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण रात 08.34 मिनट से शुरू होगा और देर रात 02.25 मिनट पर समाप्त होगा। सूर्य ग्रहण जब लगेगा, तब भारत में रात होगी, इसलिए यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इस दौरान सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।