सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) का बहुत अधिक ज्योतिषीय व वैज्ञानिक महत्व होता है। ग्रहण का देश-दुनिया पर शुभ व अशुभ दोनों तरह का प्रभाव पड़ता है। शास्त्रों के अनुसार, ग्रहण की घटना शुभ नहीं होती है। विज्ञान के अनुसार हर कई सालों बाद ऐसा सूर्यग्रहण देखने को मिलता है। इस स्थिति में पृथ्वी का एक भाग में पूरी तरह से अंधेरा हो जाता है। इस समय चंद्रमा, पृथ्वी के सबसे निकट आ जाता है। इस सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आ जाते हैं।
कब लगेगा साल का दूसरा ग्रहण (Surya Grahan) –
साल 2025 का पहला ग्रहण 29 मार्च को लगा था। वहीं अब साल 2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगने जा रहा है। भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा।
सूतक काल नहीं होगा मान्य-
सूतक काल धार्मिक दृष्टि से अशुभ माना जाने वाला काल है। इस दौरान शुभ कार्यों की मनाही होती है। सूर्य ग्रहण से 9 से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। सूतक काल तभी लागू होता है, जब यह नजर आता है। साल का दूसरा सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल भारत में लागू नहीं होगा। भारत में सूर्य ग्रहण का कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा, जिस वजह से धार्मिक कार्य नहीं रुकेंगे।
ग्रहण (Surya Grahan) का समय-
भारतीय समयानुसार 21 सितंबर को रात 11 बजे से सूर्य ग्रहण शुरू होगा। इसका समापन 22 सितंबर को 3 बजकर 24 मिनट पर होगा। ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 24 मिनट की होगी।
यहां दिखाई देगा ग्रहण (Surya Grahan) –
यह ग्रहण अमेरिका, समोआ, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिजी और अटलांटिक महासागर जैसे क्षेत्रों में देखा जा सकेगा।