ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) सितंबर में लगने जा रहा है। यह ग्रहण आश्विन मास की अमावस्या तिथि पर पड़ेगा। सूर्य ग्रहण को वैज्ञानिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना जाता है, यह ग्रहण भारतीय समयानुसार रात में शुरू होगा, जिससे इसका असर भारत पर नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा।
कब लगेगा सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) ?
पंचांग के अनुसार, यह सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) अश्विन माह की अमावस्या तिथि को पड़ रहा है। यह 21 सितंबर की रात में लगभग 11 बजे शुरू होगा और देर रात 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। यानी कुल मिलाकर यह लगभग 4 घंटे से ज्यादा समय तक चलेगा। लेकिन रात का समय होने के कारण यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।
कहां-कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) ?
यह आंशिक सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में दिखाई देगा, जहां उस समय दिन का समय होगा। इन क्षेत्रों में शामिल हैं। दक्षिणी प्रशांत महासागर, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, हिंद महासागर, अटलांटिक महासागर,दक्षिण महासागर, पोलिनेशिया, मेलानेशिया, नॉरफ़ॉक द्वीप, क्राइस्टचर्च और वेलिंग्टन में ये सूर्य ग्रहण नजर आने वाला है।
सूतक काल मान्य नहीं होगा
धार्मिक मान्यता के अनुसार जब ग्रहण भारत में दिखाई देता है, तभी उसका सूतक काल प्रभावी माना जाता है। चूंकि 21 सितंबर का सूर्य ग्रहण रात में होगा और भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इस बार सूतक काल का पालन नहीं किया जाएगा।
सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) का राशियों पर प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण के समय सूर्य कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में रहेंगे, जिससे सभी 12 राशियों के जातकों पर इसका कुछ न कुछ प्रभाव देखने को मिल सकता है। हालांकि, भारत में सूतक काल न होने के कारण इसका नकारात्मक प्रभाव कम होने की संभावना है, फिर भी कुछ राशियों के लिए यह अवधि थोड़ी चुनौतीपूर्ण हो सकती है।इस दौरान विशेष रूप से कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के जातकों को अधिक सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।









