सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) एक खगोलीय घटना है। यह वर्ष का पहला और सबसे लंबा सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को लगने जा रहा है। ऐसा सूर्यग्रहण तकरीबन 50 वर्ष के बाद लगने जा रहा है। इस सूर्यग्रहण की अवधि लगभग 5 घंटे 25 मिनट की होगी। सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को रात 9.12 बजे से 9 अप्रैल को देर रात 2.22 बजे तक रहेगा।
खगोलविदों का कहना है कि 8 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) भारत में दृश्यमान नहीं होगा। इसलिए यहां न तो सूतक काल के नियम लागू होंगे और न ही पूजा-पाठ या या किसी अन्य दैनिक क्रिया पर पाबंदी रहेगी ।
बता दें कि सूर्यग्रहण (Surya Grahan) के दौरान चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है। ऐसे में सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर नहीं पड़ती है और पृथ्वी पर अंधेरा हो जाता है। ऐसे में ये पूर्ण सूर्य ग्रहण माना जाता है।
कितनी देर का होगा सूतक काल
आमतौर पर ग्रहण के शुरू होने के तकरीबन 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है और ग्रहण के खत्म होने के बाद ही समाप्त होता है। लेकिन इस बार सूर्य ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा क्योंकि ये सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) भारत में नजर नहीं आएगा।
इस दौरान खाना-पीना मना होता है।
गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ भी छीलना, काटना नहीं चाहिए।
माना जाता है कि पानी में कुछ बूंदे तुलसी के या पत्ते डालकर इसे उबाल कर पीना चाहिए।
वे लोग जो बीमार हैं या जो बुजुर्ग हैं उन्हें इस दौरान उपवास नहीं करना चाहिए।
इस दौरान खाने में आप मेवे ले सकते हैं। यह कम मात्रा में खाने पर भी शरीर को पूरी एनर्जी देंगे।
महिलाओं को ग्रहण के दौरान सात्विक भोजन लेने की सलाह दी जाती है।
सूतक काल शुरू होने के बाद नए या शुभ काम की शुरुआत नहीं करनी चाहिए। कहते हैं कि ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा अधिक रहती है।