पटना| सुशांत सिंह राजपूत की एक डायरी सामने आई है। इसमें लिखे हर शब्द इस बात की ओर इशारा करते हैं कि सुशांत डिप्रेशन में नहीं थे, बल्कि वे जीवन में आगे बढ़ना चाहते थे। बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक अपने नाम का डंका बजता देखना चाहते थे।
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उन्होंने बाकायदा इसके लिये तैयारी भी करनी शुरू कर दी थी। एक प्रोजेक्ट तैयार कर लिया था। सुशांत ने प्रोजेक्ट भी बिलकुल प्रोफेशनल अंदाज में बनाया, लेकिन वक्त को कुछ और ही मंजूर था। बहरहाल इस डायरी के सामने आने के बाद यह बात भी स्पष्ट हो गई है कि वे अपनी बहनों के बेहद करीब थे। प्रोडक्शन हाउस बनाने के इस प्रोजेक्ट में वे अपनी बहन को भी शामिल करना चाहते थे। ऐसे में उन लोगों पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं, जो अब तक सुशांत को उनके परिवार से दूर होने की बात करते थे। सुशांत कभी अपनों को खोना नहीं चाहते थे। उनकी डायरी पढ़ने के बाद यह पता चलता है कि वे सकारात्मक और उर्जावान युवा थे, जिसमें रोज आगे बढ़ते रहने की चाहत थी।
मैं सोचना चाहता हूं स्वयं के बारे में, अपने परिवार के बारे में, किसी को खोना नहीं चाहता हूं। मैं सुरक्षित महसूस करना चाहता हूं। स्नेह चाहता हूं। लोग मुझे समझें मैं यह चाहता हूं। मुक्कु मेरी जरूरत पूरी करता है। सामाजिक व्यक्तित्व के रूप में मैं बिना लालच वाला व्यक्ति बनना चाहता हूं। स्नेही बनना चाहता हूं। लोग मुझे बलिदानी की तरह जानें, ऐसा चाहता हूं। बिंदा को मुझे यह अहसास दिलाना चाहिए कि मुक्कु से मेरे संबंध में स्वार्थ छिपा है जो परेशानी उत्पन्न करेगा।
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इसलिए मुझे उसको दरकिनार करना चाहिए। मैं हार मानता हूं। मुक्कु को ऐसे परेशान होते नहीं देख सकता। मुझे अभिनय में उत्कृष्ट करना चाहिए। भाषा, संस्कृति पर पकड़ बनानी चाहिए। हॉलीवुड की एजेंसी के साथ संपर्क बनाना चाहिए। उत्कृष्ट खिलाड़ियों के साथ संपर्क बनाना चाहिए। खुद को सिनेमा, शिक्षा और पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट करना चाहिए।