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स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को पुलिस ने ज्ञानवापी की परिक्रमा करने से रोका, मठ को पुलिस ने घेरा

Swami Avimukteshwaranand

Swami Avimukteshwaranand

वाराणसी। ज्ञानवापी (Gyanvapi) की ASI सर्वे रिपोर्ट में हिंदू मंदिर के साक्ष्य और हिंदू देवी देवताओं के अवशेष मिलने की रिपोर्ट सामने आने के बाद लगातार ज्ञानवापी को संत समाज मंदिर मानने लगा है। ज्ञानवापी को मंदिर बता सोमवार को ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Swami Avimukteshwaranand Saraswati) ने इसकी परिक्रमा का ऐलान किया था।

शंकराचार्य के ऐलान के बाद वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया। आनन- फानन में भेलूपुर थाना क्षेत्र स्थित विद्यामठ पहुंची पुलिस टीम ने शंकराचार्य को ज्ञानवापी जाने से रोक दिया गया। पुलिस ने क्षेत्र में धारा 144 लगने और ज्ञानवापी परिक्रमा के लिए पूर्व से अनुमति न देने का हवाला दिया।

ज्ञानवापी की परिक्रमा को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि उनके गुरु ने डेढ़ साल पहले मिले ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग को भोग लगाने की बात कही थी, लेकिन उस समय भी प्रशासन ने रोक दिया गया था। भोग मामले को लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल किया गया, लेकिन अभी तक वह मामला कोर्ट में लंबित है। ऐसे में ज्ञानवापी के परिसर के बाहर से परिक्रमा कर अपने मंदिर और अपने भगवान को निहारने की इच्छा से पहले से जाने के लिए प्रशासन के बताया गया था।

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (Swami Avimukteshwaranand) ने कहा कि सोमवार को जब ज्ञानवापी परिसर जाने का समय हुआ तो बड़ी संख्या में पहुंची पुलिस टीम और आलाधिकारियों ने मठ से निकलने से मना कर दिया। उन्होंने धारा 144 (Section 144) होने का हवाला दिया है, जबकि मैं सिर्फ दो लोगो के साथ ही ज्ञानवापी की परिक्रमा करना चाहता हूं , ऐसे में धारा 144 (Section 144) का उलंघन नही होता है।

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स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (Swami Avimukteshwaranand) ने बताया कि जब से उन्होंने ज्ञानवापी परिक्रमा की बात कही तब से पुलिस ने उनके मठ को चारो तरफ से घेर रखा है। उन्होंने आगे कहा कि प्रतिदिन ज्ञानवापी के पास लाखो श्रद्धालु जाते है और नमाज़ी भी ज्ञानवापी में नमाज पढ़ते है, ऐसे में ज्ञानवापी परिसर के बाहर से परिक्रमा करने से उन्हें क्यों रोका जा रहा है।

स्वामी अभिमुक्तेश्वरानंद ने ज्ञानवापी परिक्रमा के लिए अनुमति नही ली थी: एसीपी

ज्ञानवापी की परिक्रमा करने जा रहे शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (Swami Avimukteshwaranand)  को रोक जाने को लेकर वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के भेलूपुर जोन के एसीपी अतुल अंजान ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को मठ में रोक जाने को लेकर बताया कि ज्ञानवापी का मामला कोर्ट में विचाराधीन है और स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद  के द्वारा वहां जाने की अनुमति नही ली गई थी। ऐसे में उन्हें बताया गया है, कि न तो उन्होंने अनुमति ली है और धारा 144 (Section 144) है। ऐसे में वह संत और बटुको के साथ वहां नही जा सकते है। वहां जाने के लिए इन्हें अनुमति लेनी होगी, यदि अनुमति के लिए प्रार्थना पत्र देते है और जो आलाधिकारियों का निर्देश आएगा उसे अमल करवाया जाएगा।

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